
woman running on road
Youth Relation: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, नाकाम प्रेम संबंध और उससे उपजे भावनात्मक तनाव के चलते आपराधिक कानूनों का दुरुपयोग बढ़ता जा रहा है।
अदालत ने आरोपी को जमानत दी
जस्टिस कृष्ण पहल ने 42 वर्षीय व्यक्ति को दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने के दौरान कहा, आज के समाज में यौन संबंधों की बदलती परिभाषा और गिरते मानकों को उजागर करना जरूरी हो गया है। यह चिंताजनक है कि निजी संबंध टूटने पर अक्सर आपराधिक मुकदमों का रूप दे दिया जाता है।
दो वयस्कों की आपसी सहमति से बना था संबंध
हाईकोर्ट ने कहा, पीड़िता को आरोपी की वैवाहिक स्थिति की जानकारी थी। वह व्यक्ति पहले तीन बार शादी कर चुका था। इसके बावजूद उसने आरोपी के साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाए। यह संबंध न विवाह संस्था में थे और न किसी कानूनी मान्य रिश्ते की श्रेणी में थे। यह दो वयस्कों की आपसी सहमति से बना संबंध था। कोर्ट ने कहा, यह मामला समाज में आ रहे उस व्यापक बदलाव को दर्शाता है, जिसमें अंतरंग रिश्तों की पवित्रता और गंभीरता में गिरावट आई है। रिश्ते अस्थायी और बिना प्रतिबद्धता के बनते और टूटते हैं। जब ऐसे रिश्ते खत्म होते हैं तो उनमें कई कानूनी हथियारों के जरिए प्रतिशोध का माध्यम बन जाते हैं।
महिला की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला हुआ था दर्ज
एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी ने उससे दुष्कर्म किया, वीडियो बनाया और ब्लैकमेल किया। शादी का वादा किया, लेकिन बाद में मुकर गया। वहीं, आरोपी ने कहा कि दोनों ने सहमति से संबंध बनाए। वहीं, पीड़िता के वकील ने कहा, आरोपी अमीर व्यक्ति है और उसने पैसे और प्रभाव का दुरुपयोग कर पीड़िता की जिंदगी बर्बाद की है। हाईकोर्ट ने कहा- सभी नैतिक रूप से संदिग्ध कार्य कानूनन अपराध नहीं माने जा सकते। एफआईआर घटना के पांच महीने बाद कराई गई। पीड़िता शिक्षित महिला है। यह मामला गंभीर आपराधिक कृत्य की जगह भावनात्मक प्रतिक्रिया का लगता है। इसलिए आरोपी को जमानत दी जाती है।