
Firozabad Court
UP News: अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) नगमा खान की कोर्ट से वाहन चोरी केस में जारी गैर जमानती वारंट में पुलिस उपनिरीक्षक ने आरोपी की जगह कोर्ट की जज का नाम लिखकर गैर मौजूदगी रिपोर्ट उसी कोर्ट में भेज दी।
13 वर्ष पुराने चोरी के केस में आरोपी नहीं हो रहा था हाजिर
यह घटना पिछले सप्ताह फिरोजाबाद जिले के थाना उत्तर क्षेत्र में हुई। मामला अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) नगमा खान की कोर्ट से जुड़ा है। कोर्ट ने 13 साल पुराने केस सरकार बनाम राजकुमार उर्फ पप्पू में आरोपी की लगातार गैरहाजिरी पर NBW जारी किया था। आरोपी थाना उत्तर क्षेत्र का निवासी है। वारंट को तामील कराने की जिम्मेदारी थाना उत्तर में तैनात दरोगा बनवारी लाल को दी गई थी। लेकिन हैरान करने वाली बात यह रही कि दरोगा ने वारंट में आरोपी की जगह खुद जज का नाम भर दिया और रिपोर्ट भी यही भेज दी कि इस पते पर नगमा खान नहीं रहती हैं। यह रिपोर्ट जब न्यायालय में पहुंची तो खुद जज नगमा खान सकते में आ गईं।
अपर सिविल जज ने पुलिस अधिकारी को लिखा पत्र
अपर सिविल जज ने दरोगा बनवारी लाल की गंभीर लापरवाही पर पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की। एसएसपी सौरभ दीक्षित ने मामले को गंभीर मानते हुए उपनिरीक्षक को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। वहीं एसपी सिटी रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि इस चूक की विभागीय जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है। पुलिस की इस लापरवाही ने एक बार फिर जांच-पड़ताल की प्रक्रिया में सटीकता और सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दे दिया है। फिलहाल पूरे विभाग में इस मामले को लेकर चर्चा तेज है।
उपनिरीक्षक बनवारी लाल निलंबित, विभागीय जांच होगी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सौरभ ने इस त्रुटि के सामने आने के बाद कार्रवाई की और थाना उत्तर में तैनात उपनिरीक्षक बनवारी लाल को निलंबित कर दिया। विभागीय जांच का जिम्मा सर्किल ऑफिसर अनुप कुमार चौरसिया को सौंपा गया है। SSP (सिटी) रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि थाना उत्तर क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति राजकुमार के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। वारंट निष्पादन रिपोर्ट तैयार करते समय, उपनिरीक्षक लाल ने गलती से अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) नगमा खान का नाम आरोपी के रूप में दर्ज कर दिया। रिपोर्ट में आगे कहा कि “आरोपी” वारंट निष्पादन के समय स्थान पर उपस्थित नहीं मिला। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, जिला पुलिस प्रमुख ने उपनिरीक्षक को पुलिस लाइन भेजने का आदेश दिया और इस गंभीर त्रुटि के कारणों की जांच के लिए एक विभागीय जांच के निर्देश दिए।