
close up photo of a wooden gavel
UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए बनाया गया पॉक्सो एक्ट अब खुद उनके शोषण का जरिया बनता जा रहा है।
जमानत देते समय जरूर ध्यान में रखा जाना चाहिए: कोर्ट
न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने कहा कि पॉक्सो एक्ट का मकसद कभी भी किशोरों के आपसी सहमति वाले प्रेम संबंधों को अपराध ठहराना नहीं था। अगर किसी मामले में दोनों किशोरों के बीच प्रेम संबंध की सहमति हो, तो उसे जमानत देते समय जरूर ध्यान में रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की। कोर्ट ने कहा कि अगर पीड़िता के बयान को नजरअंदाज कर आरोपी को जेल में रखा जाता है, तो यह न्याय की भावना के खिलाफ होगा।
16 साल की लड़की से प्रेम संबंध का मामला
कोर्ट ने यह टिप्पणी एक 18 वर्षीय युवक को जमानत देते हुए की, जिस पर 16 साल की लड़की से रेप का आरोप था। आरोपी राज सोनकर को मार्च में गिरफ्तार किया गया था। जमानत की सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि यह मामला आपसी सहमति वाले प्रेम संबंध का है। मेडिकल जांच में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई है। वकील ने यह भी बताया कि आरोपी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और अगर उसे जमानत दी जाती है, तो वह इसका दुरुपयोग नहीं करेगा।
15 दिन की देरी और मेडिकल पुष्टि नहीं
कोर्ट ने मामले की परिस्थितियों, रिकॉर्ड में मौजूद सबूतों और एफआईआर दर्ज करने में 15 दिन की देरी को ध्यान में रखते हुए आरोपी को जमानत दी। कोर्ट ने 29 अप्रैल को दिए अपने आदेश में कहा कि वह मामले के मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा है, लेकिन उपलब्ध तथ्यों के आधार पर आरोपी को जमानत दी जाती है।