
Supreme Court in view
Thug Life: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि वह अभिनेता कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ की रिलीज में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
भारत में भावनाएं आहत होने की कोई सीमा नहीं है: कोर्ट
जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने कहा, “भारत में भावनाएं आहत होने की कोई सीमा नहीं है। स्टैंडअप कॉमेडियन कुछ कहे तो भावनाएं आहत हो जाती हैं, तोड़फोड़ और प्रदर्शन शुरू हो जाते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि विरोध के डर से फिल्में, कॉमेडी या कविता पाठ बंद कर दिए जाएं?”कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि किसी की भावना आहत हो गई, फिल्म, स्टैंडअप कॉमेडी या कविता पाठ को नहीं रोका जा सकता।
फिल्म की रिलीज के लिए सुरक्षा देने का आश्वासन
कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने हलफनामा दायर कर फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ किया है। ऐसे में अब इस मामले को समाप्त करना न्यायहित में होगा। कोर्ट ने कहा, “हम कोई गाइडलाइन जारी नहीं कर रहे और न ही जुर्माना लगा रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि यदि कोई व्यक्ति या समूह फिल्म की रिलीज रोकने या हिंसा करने की कोशिश करता है तो सरकार तुरंत आपराधिक और दीवानी कानूनों के तहत कार्रवाई करे।”
कमल हासन से माफी मांगने की मांग पर कोर्ट की नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) से यह पूछते हुए नाराजगी जताई कि क्या सिर्फ किसी राय के कारण फिल्म को रोका जा सकता है? कोर्ट ने कहा, “हम ऐसा नहीं होने दे सकते। सिर्फ किसी की राय के कारण फिल्म, स्टैंडअप कॉमेडी या कविता पाठ को नहीं रोका जा सकता।”KFCC के वकील ने कहा कि उन्होंने कोई धमकी नहीं दी, सिर्फ एक पत्र जारी किया था जिसमें राज्यभर में विरोध प्रदर्शन की जानकारी दी गई थी और माफी पर विचार करने को कहा गया था। KFCC ने यह भी बताया कि उनके दफ्तर में भीड़ घुस आई थी, जिसके बाद उन्होंने पत्र जारी किया।
कोर्ट ने पूछा- पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की?
जस्टिस भुइयां ने पूछा कि क्या KFCC ने इस घटना की पुलिस में शिकायत की? उन्होंने कहा, “आप भीड़ के दबाव में आ गए। आपने पुलिस में शिकायत नहीं की, इसका मतलब है कि आपके पास उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। आप सिर्फ उनके पीछे छिप रहे हैं।”
30 करोड़ का नुकसान, लेकिन सुरक्षा मिलने पर कोई आपत्ति नहीं
कमल हासन की कंपनी राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल लिमिटेड के वकील ने बताया कि अब तक फिल्म को 30 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है, लेकिन अगर राज्य सरकार सुरक्षा देती है तो उन्हें फिल्म की स्क्रीनिंग में कोई आपत्ति नहीं है।
फिल्म की रिलीज के लिए याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट यह सुनवाई महेश रेड्डी की जनहित याचिका पर कर रहा था, जिसमें फिल्म ‘ठग लाइफ’ की कर्नाटक में रिलीज की अनुमति मांगी गई थी। याचिका में कहा गया था कि कमल हासन के बयान के बाद फिल्म को राज्य में रिलीज नहीं किया गया और सरकार ने धमकी देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
भाषा को लेकर भावनाएं भड़कीं, लेकिन कानून हाथ में नहीं ले सकते
कन्नड़ साहित्य परिषद के वकील ने कहा कि भाषा कर्नाटक में एक भावनात्मक मुद्दा है और कमल हासन के बयान से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या परिषद फिल्म पर अनौपचारिक बैन और थिएटर जलाने का समर्थन कर रही है? वकील ने कहा कि अगर अभिनेता माफी मांग लें तो फिल्म दिखाई जा सकती है, वरना स्थिति और बिगड़ सकती है। इस पर कोर्ट ने कहा, “माफी की बात कहां से आई? आप कानून को हाथ में नहीं ले सकते। अगर किसी बयान से आप आहत हैं तो मानहानि का केस करें।” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि परिषद को फिल्म की रिलीज में कोई बाधा नहीं डालनी चाहिए।
17 जून को भी कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
17 जून को भी सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को फटकार लगाई थी कि अभिनेता की फिल्म को राज्य में रिलीज नहीं होने दिया गया। कोर्ट ने कहा था कि भीड़ और स्वयंभू ठेकेदारों को सड़कों पर कब्जा नहीं करने दिया जा सकता। जस्टिस मनमोहन ने कहा था कि कानून का राज कहता है कि अगर किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिला है तो उसे रिलीज किया जाना चाहिए और राज्य को इसकी स्क्रीनिंग सुनिश्चित करनी चाहिए।
फिल्म 5 जून को देशभर में हुई थी रिलीज
कमल हासन और निर्देशक मणिरत्नम की फिल्म ‘ठग लाइफ’ 5 जून को देशभर में रिलीज हुई थी। यह दोनों की 1987 की फिल्म ‘नायकन’ के बाद दूसरी फिल्म है। लेकिन कमल हासन के एक बयान—”कन्नड़ भाषा तमिल से निकली है”—के बाद कर्नाटक में विवाद खड़ा हो गया और फिल्म की रिलीज रोक दी गई। 3 जून को हाईकोर्ट ने भी कमल हासन को फटकार लगाई थी और कहा था कि एक माफी से मामला सुलझ सकता था। KFCC ने भी कहा था कि जब तक हासन माफी नहीं मांगते, फिल्म राज्य में नहीं दिखाई जाएगी।