
Child running with Books
UP News: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हाल ही में उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के जलालपुर में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान आठ साल की बच्ची का अपनी किताबें लेकर झोपड़ी से भागते हुए वीडियो हर किसी को झकझोर देने वाला है।
घटना की विपक्षी दलों की आलोचना
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ प्रयागराज में अवैध विध्वंस से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जब उन्होंने इस वायरल वीडियो का ज़िक्र किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें एक अर्थमूवर (बुलडोजर) भी दिखाई दिया जो अतिक्रमण अभियान के दौरान ज़ोर से आवाज़ कर रहा था। इस घटना पर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की।
गांव की भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की
अंबेडकर नगर पुलिस ने विध्वंस का बचाव करते हुए कहा, यह कार्रवाई गांव की भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए की गई थी। यह जलालपुर तहसीलदार की अदालत द्वारा पारित निष्कासन आदेश के तहत की गई। विध्वंस से पहले कई नोटिस जारी किए गए थे। यह कार्रवाई राजस्व न्यायालय के आदेश के पूर्ण अनुपालन में की गई। प्रशासन के अनुसार, अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया कई महीनों से जारी थी। विध्वंस आदेश का कानूनी आधार था।
15 अक्टूबर 2024 को जलालपुर के उप-जिला मजिस्ट्रेट ने दिए निर्देश
15 अक्टूबर 2024 को जलालपुर के उप-जिला मजिस्ट्रेट ने तहसीलदार को निर्देश दिया था कि वह 10 अक्टूबर 2024 के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें। यह आदेश उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 67 के अंतर्गत पारित किया गया था, जिसमें अरेई गांव की विवादित भूमि से राम मिलन नामक व्यक्ति को बेदखल करने के लिए कहा गया था। अतिक्रमणकर्ता पर ₹1,980 का जुर्माना और ₹800 निष्पादन शुल्क भी लगाया गया था। मजिस्ट्रेट के आदेश में अधिकारियों से कहा गया था कि इस फैसले को एक सप्ताह के भीतर लागू किया जाए। यह मामला एक बार फिर बुलडोजर कार्रवाई की प्रक्रिया, मानवीय संवेदना और न्यायिक निगरानी पर राष्ट्रीय बहस को सामने लाता है।
जस्टिस भुइयां ने मौखिक टिप्पणी में कहा
हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसमें झोपड़ियों को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है। उसमें एक छोटी बच्ची किताबों का एक बंडल पकड़े हुए टूटे हुए आश्रय से भाग रही है। इस दृश्य ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।