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Taj Zone: सुप्रीम कोर्ट ने ताज ट्रैपेजियम जोन प्राधिकरण(टीटीजेड) को क्षेत्र में पेड़ों की गिनती के लिए वन अनुसंधान संस्थान को नियुक्त करने का निर्देश दिया।
पेड़ का डाटा बगैर दंडात्मक प्रावधान करना संभव नहीं
न्यायमूर्ति अभय ओका और एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि मौजूदा पेड़ों का डेटा के बिना उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों को लागू नहीं कर सकते हैं। टीटीजेड, लगभग 10,400 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र, यूपी में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों और राजस्थान में भरतपुर जिले में फैला हुआ है।
औपचारिक आदेश एक सप्ताह के भीतर पारित करेगी अदालत
पीठ ने कहा, यह डेटा पौधों की गिनती के माध्यम से उपलब्ध कराया जा सकता है। टीटीजेड प्राधिकरण को देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान को टीटीजेड के क्षेत्र में सभी मौजूदा पेड़ों की जनगणना करने के लिए एक प्राधिकरण के रूप में नियुक्त करने का निर्देश देते हैं। औपचारिक आदेश एक सप्ताह के भीतर पारित होगा।
टीटीजेड में पेड़ों को अवैध रूप से नहीं काटा जाए
शीर्ष अदालत ने कहा कि यूपी वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 का उद्देश्य पेड़ों की रक्षा करना है, न कि पेड़ों को काटना या कटवाना। वृक्ष गणना के बिना 1976 अधिनियम के प्रावधानों का कोई प्रभावी कार्यान्वयन नहीं हो सकता है। शीर्ष अदालत ने पहले मौजूदा पेड़ों की जनगणना की जाए। तब तक ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में पेड़ों को अवैध रूप से नहीं काटा जाए। इसको निगरानी रखने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता को रेखांकित किया था। पीठ टीटीजेड में पेड़ों की अनधिकृत कटाई पर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
निर्देश का पालन नहीं होने पर तोड़फोड़ का देना होगा आदेश
याचिका में पर्यावरण संबंधी चिंताओं को उठाया गया है। इसमें यूनेस्को घोषित विश्व धरोहर स्थल ताज महल और उसके आसपास के क्षेत्रों सहित ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया है। 14 अक्टूबर को मामले में एक अलग याचिका पर सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर टीटीजेड में अनिवार्य वनीकरण पर उसके निर्देश का अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया गया तो वह तोड़फोड़ का का आदेश देगी और भूमि या राजमार्गों को उनकी मूल स्थिति में बहाल करने के लिए कहेगी।