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Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या सरकारी खजाने के पैसे का इस्तेमाल गरीबों के लिए आवास, स्वास्थ्य और शैक्षणिक सुविधाएं बनाने या देश में साइकिल ट्रैक बिछाने के लिए किया जाना चाहिए।
देश में विकास एक समान नहीं है: शीर्ष अदालत
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने देश भर में अलग-अलग साइकिल ट्रैक बनाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि देश में विकास एक समान नहीं है। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा, हमें बताएं, क्या राज्य के खजाने से पैसा गरीबों के लिए आवासीय और शैक्षणिक सुविधाएं बनाने पर इस्तेमाल किया जाएगा या इससे अलग साइकिल ट्रैक के लिए ।
लोगाें के रहने के लिए घर नहीं, क्यों उन्हें नहीं दें सुविधा
शीर्ष अदालत ने कहा, सभी प्रमुख शहरों में गरीबों के लिए आवास सुविधाओं की गंभीर समस्या है। लोग झुग्गियों में रह रहे हैं। गरीबों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं, शैक्षिक सुविधाओं की कमी है। क्या ये सभी प्राथमिक सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए या इन्हें साइकिल ट्रैक देना चाहिए। शुरुआत में अदालत ने याचिकाकर्ता की प्रार्थना का जिक्र किया और सोचा कि क्या ऐसी राहत दी जा सकती है।
सवाल: क्या पूरे भारत में अलग साइकिल ट्रैक बनाएं
कहा गया, आप चाहते हैं कि पूरे भारत में अलग साइकिल ट्रैक बनाए जाएं। यह बहुत महत्वाकांक्षी है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कई राज्यों में साइकिल ट्रैक हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के एक गेट के बाहर एक साइकिल ट्रैक भी था, लेकिन मोड़ लेने पर यह उपलब्ध नहीं था।
अलग साइकिल ट्रैक बनाने की रिट, याचिकाकर्ता का दिव्यस्वपन
याचिकाकर्ता के वकील ने चयनित शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाली अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन योजना का उल्लेख किया। पीठ ने कहा, हम (अलग साइकिल ट्रैक बनाने के लिए) ऐसी रिट कैसे जारी कर सकते हैं, यह याचिकाकर्ता का दिव्यस्वपन है। वकील ने सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुद्दे का जिक्र किया और कहा कि अलग साइकिल ट्रैक होने से समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। पीठ ने दलीलें 10 फरवरी को पोस्ट कीं।