
SHIP MISHAPS: केरल हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकारों से पूछा कि हाल में समुद्र में हुए दो जहाज हादसों के सफाई और बचाव कार्यों में जनता का पैसा क्यों खर्च किया जाए?
मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति बसंत बालाजी की खंडपीठ ने दिया निर्देश
यह टिप्पणी कांग्रेस नेता टी. एन. प्रतापन की याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई, जो पिछले महीने केरल तट के पास लाइबेरियन झंडा लगे जहाज MSC Elsa-3 के डूबने को लेकर दायर की गई थी। अदालत ने हाल ही में सिंगापुर के झंडे वाले जहाज MV Wan Hai 503 में आग लगने की घटना को भी मामले में शामिल कर लिया है। अदालत ने साफ किया कि इन दोनों मामलों में खर्च की गई रकम शिपिंग कंपनियों से वसूली जाए और उनके खिलाफ दीवानी व आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है।
अदालत ने पूछा – शिपिंग कंपनियों पर क्यों न हो जुर्माना?
पीठ ने कहा कि दोनों घटनाओं में जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। अदालत ने निर्देश दिया कि बचाव कार्य, सफाई, आग बुझाने में आया खर्च और मछुआरों को हुए आर्थिक नुकसान की वसूली शिपिंग कंपनियों से की जाए।
भारतीय न्याय संहिता के तहत हो सकती है कार्रवाई
जब राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कहा कि मामला दर्ज करने के लिए शिकायत मिलनी चाहिए, तो कोर्ट ने कहा कि ‘भारतीय न्याय संहिता’ के तहत स्वतः कार्रवाई हो सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मामले में एक अमीकस क्यूरी (न्याय मित्र) भी नियुक्त कर सकती है ताकि कार्रवाई में देरी न हो।
सरकारें सुनिश्चित करें क्षेत्र में जहाजों की सुरक्षा: कोर्ट
अदालत ने दोनों सरकारों को निर्देश दिया कि वे क्षेत्र में चल रहे जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और हादसों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएं। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को तय की है।
44 नॉटिकल मील दूर समुद्र में लगी थी आग, 4 लोग लापता
सोमवार सुबह 9.20 बजे के करीब, केरल के कन्नूर जिले के अजीक्कल तट से 44 नॉटिकल मील दूर समुद्र में सिंगापुर के झंडे वाले मालवाहक जहाज MV Wan Hai 503 पर कंटेनर विस्फोट के बाद आग लग गई थी। इस जहाज के 18 क्रू मेंबर्स को बचा लिया गया, जबकि 4 अब भी लापता हैं। आग बुझाने का अभियान लगातार जारी है।
पहले डूबा था MSC Elsa-3, जहरीले रसायनों से भरे थे कंटेनर
इससे पहले 24-25 मई को, अलप्पुझा जिले के थोट्टापल्ली तट से 14.6 नॉटिकल मील दूर MSC Elsa-3 जहाज डूब गया था। जहाज पर कुल 640 कंटेनर थे, जिनमें से 13 में खतरनाक रसायन और 12 में कैल्शियम कार्बाइड भरा था। इसके अलावा, जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, फिलहाल जहाज से तेल के रिसाव को रोकने के लिए डाइविंग ऑपरेशन जारी है।
अब निगाहें कोर्ट की अगली सुनवाई पर
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब राज्य और केंद्र सरकारों पर जिम्मेदारी है कि वे शिपिंग कंपनियों से जवाबदेही तय करें और समुद्री सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करें। 19 जून की अगली सुनवाई में कोर्ट की नजर इस पर रहेगी कि अब तक क्या कार्रवाई हुई।