
Supreme Court
SC News: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के एक सरकारी अफसर को झुग्गी हटाने के मामले में जमकर फटकार लगाई।
जनवरी 2014 में गुंटूर जिले में हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी की
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने अफसर से पूछा कि क्या वह डिमोशन (पदावनति) स्वीकार करने को तैयार है? जब अफसर ने इनकार किया, तो कोर्ट ने कहा कि अब उसे हाईकोर्ट द्वारा दी गई दो महीने की जेल की सजा भुगतनी होगी। अफसर पर आरोप है कि उसने जनवरी 2014 में गुंटूर जिले में हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए झुग्गियां जबरन हटवा दी थीं। कोर्ट ने कहा कि यह हरकत सजा के बिना नहीं छोड़ी जा सकती।
यह सजा के बिना नहीं छोड़ा जा सकता: कोर्ट
जस्टिस गवई ने कहा, यह सजा के बिना नहीं छोड़ा जा सकता। हाईकोर्ट की चेतावनी के बावजूद अगर कोई ऐसा करता है, तो वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। कोर्ट ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेशों के साथ इस तरह के अपमानजनक व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अफसर को चेतावनी दी कि अगर वह डिमोशन नहीं मानता, तो न सिर्फ जेल जाना होगा, बल्कि सरकार द्वारा दोबारा बहाल भी नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा, हम उसके खिलाफ इतनी सख्त टिप्पणी करेंगे कि कोई भी नियोक्ता उसे नौकरी देने की हिम्मत नहीं करेगा।
अफसर की याचिका खारिज
यह मामला उस याचिका से जुड़ा है, जिसमें अफसर ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई को बरकरार रखा गया था। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उसे जानबूझकर आदेश की अवहेलना करने पर दो महीने की जेल की सजा सुनाई थी। आरोप था कि वह उस समय तहसीलदार था और 11 दिसंबर 2013 को कोर्ट द्वारा झुग्गियां न हटाने के आदेश के बावजूद जनवरी 2014 में उन्हें जबरन हटवा दिया।
कोर्ट ने कहा- बच्चों का ख्याल कर रहे हैं, लेकिन अफसर अड़ा है
मंगलवार को जब अफसर के वकील ने बताया कि वह डिमोशन नहीं मान रहा, तो कोर्ट ने कहा, “हमने उसकी रोजी-रोटी बचाने की कोशिश की, लेकिन अगर उसे अपनी हैसियत चाहिए, तो फिर जेल जाए। जस्टिस गवई ने अफसर से पूछा, “जब आपने 80 पुलिसवालों के साथ लोगों के घर गिराए, तब भगवान की याद नहीं आई?” कोर्ट ने कहा कि वह अफसर के बच्चों का ख्याल कर रहा है, इसलिए आखिरी मौका दे रहा है—क्या वह एक पद नीचे जाने को तैयार है? कोर्ट ने वकील से कहा कि वह अफसर को समझाएं। अगर वह अड़ा रहा, तो हम कुछ नहीं कर सकते।
अफसर को गलतफहमी है कि जेल के बाद बहाल हो जाएगा
बेंच ने कहा कि अफसर को यह गलतफहमी है कि दो महीने की जेल काटने के बाद सरकार उसे फिर से बहाल कर देगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई 9 मई को तय की है। इससे पहले 21 अप्रैल को हुई सुनवाई में कोर्ट ने अफसर से पूछा था कि उसने हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी क्यों की। उसके वकील ने माना कि अफसर को आदेश का पालन करना चाहिए था।