
Red Fort, facade of a palace
SC news: सुप्रीम कोर्ट ने 17 वीं सदी के मुगलकालीन स्मारक लाल किले के जीर्णोद्धार और संरक्षण की मांग करने वाली दो दशक से अधिक पुरानी जनहित याचिका का निपटारा कर लिया।
शीर्ष अदालत ने नौ सदस्यीय पैनल का किया था गठन
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता राजीव सेठी द्वारा 2003 में दायर याचिका का निपटारा करते हुए दावा किया कि स्मारक का संरक्षण अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार नहीं किया गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके विशेषज्ञ पैनल ने अधिकांश निर्देशों का पालन किया है। शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया कि 6 अगस्त, 2004 को उसने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक को शामिल करते हुए नौ सदस्यीय पैनल का गठन किया था। पीठ ने कहा, तब से 20 साल बीत चुके हैं और हमारे पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि विशेषज्ञ समिति ने अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया है। अगर कुछ नहीं किया गया है या कुछ छोड़ दिया गया है, तो याचिकाकर्ता को नई याचिका के साथ अदालत जाने की स्वतंत्रता है।
स्मारक के संरक्षण के लिए व्यापक निर्देश दिए थे
शीर्ष अदालत ने कहा कि अगस्त 2004 में अदालत ने न केवल एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया, बल्कि स्मारक के संरक्षण के लिए व्यापक निर्देश भी जारी किए। पीठ ने सेठी की ओर से पेश वकील बीना माधवन से कहा कि अदालत द्वारा उनकी याचिका पर पहली बार विचार किए जाने के बाद से 20 साल से अधिक समय बीत चुका है और अधिकांश निर्देशों का अनुपालन किया जा चुका है, इसलिए याचिका को इतने लंबे समय तक लंबित रखने का कोई मतलब नहीं है।
न्यायमित्र नियुक्त कर जीर्णोद्धार के कार्य का कराया था निरीक्षण
वर्ष 2004 में नौ सदस्यीय पैनल का गठन करते हुए शीर्ष अदालत ने उससे यह सुनिश्चित करने को कहा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत सिद्धांतों के अनुरूप एक व्यापक संरक्षण प्रबंधन योजना तैयार की जाए तथा स्मारक के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए उचित कदम उठाए जाएं। नवंबर 2003 में शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को इस मामले में अदालत की सहायता करने तथा स्मारक पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किए जा रहे जीर्णोद्धार और जीर्णोद्धार कार्यों का निरीक्षण करने के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया था।
अधिवक्ता कपिल सिब्बल की भी मांगी थी रिपोर्ट
शीर्ष अदालत ने साल्वे से याचिकाकर्ता के इस आरोप की पुष्टि करने को भी कहा था कि लाल किले में किया गया जीर्णोद्धार और संरक्षण कार्य अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप नहीं था। अदालत ने साल्वे से तत्कालीन सॉलिसिटर जनरल किरीट रावल और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कपिल सिब्बल के साथ लाल किले का दौरा करने तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।