
Delhi High Court
Posco Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक नाबालिग छात्रा को उसकी निजी तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करने के आरोपी युवक के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है।
50 हजार रुपए जमा कराने का आदेश
कोर्ट ने आरोपी को एक महीने तक सरकारी अस्पताल में कम्युनिटी सर्विस करने और सेना के वॉर कैजुअल्टी वेलफेयर फंड’ में 50 हजार रुपए जमा कराने का आदेश दिया है। जस्टिस संजीव नरूला ने कहा कि आरोपी का व्यवहार डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग और सहमति व व्यक्तिगत गरिमा के प्रति गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। कोर्ट ने माना कि आरोप गंभीर हैं और इनमें एक नाबालिग लड़की के उत्पीड़न और शोषण का मामला शामिल है। यह सोशल मीडिया के उस अंधेरे पक्ष को दिखाता है, जहां तकनीक का इस्तेमाल डर पैदा करने और नियंत्रण के लिए किया जाता है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि कानून पीड़िता की निजता, गरिमा और मानसिक शांति के अधिकार को भी मान्यता देता है। पीड़िता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह इस मामले को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहती है। उसने यह भी बताया कि केस की लंबी प्रक्रिया उसके भविष्य, खासकर शादी जैसे मामलों पर असर डाल सकती है।
लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में देंगे सेवा: कोर्ट
कोर्ट ने आरोपी को जून में लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में एक महीने की सेवा करने का आदेश दिया है। सेवा पूरी होने के बाद उसे इसका प्रमाणपत्र कोर्ट में जमा करना होगा। अगर सेवा के दौरान कोई गैरहाजिरी, लापरवाही या अनुशासनहीनता होती है, तो अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को तुरंत पुलिस को सूचित करने को कहा गया है, ताकि एफआईआर को फिर से बहाल किया जा सके। कोर्ट ने आरोपी के उस बयान को भी रिकॉर्ड में लिया, जिसमें उसने कहा कि उसके पास पीड़िता की कोई निजी तस्वीर अब नहीं है।
यह था मामला
- आरोपी और पीड़िता एक ही स्कूल में पढ़ते थे। आरोपी सीनियर छात्र था।
- 2017 में आरोपी ने पीड़िता से उसकी निजी तस्वीरें मांगीं और कहा कि यह रोमांटिक रिश्तों में आम बात है।
- बाद में दोनों के बीच बातचीत बंद हो गई।
- फरवरी 2018 में आरोपी ने पीड़िता को ब्लैकमेल किया और 6 हजार रुपए मांगे। पैसे न देने पर तस्वीरें ऑनलाइन डालने की धमकी दी।
- पीड़िता ने डर के चलते कई बार पैसे दिए।
- अप्रैल 2018 में आरोपी के एक दोस्त ने भी उसे ब्लैकमेल किया, जिससे डरकर उसने उसे भी पैसे दिए।
- 2019 में आरोपी के खिलाफ IPC की कई धाराओं और POCSO एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई थी।