
Black and white photo of a dog
PET SHOP-SURVEY: दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ फैकल्टी की एनिमल लॉ सेल की एक रिपोर्ट में राजधानी की पेट शॉप्स में जानवरों के साथ हो रही क्रूरता और नियमों की अनदेखी का खुलासा हुआ है।
34 पेट शॉप्स की जांच की गई
रिपोर्ट में बताया गया है कि कई दुकानों में कानूनी उम्र से छोटे पपीज बेचे जा रहे हैं और जानवरों को गंदे और तंग पिंजरों में रखा जा रहा है। रिपोर्ट में 34 पेट शॉप्स की जांच की गई, जिनमें पेट शॉप रूल्स, 2018 के कई उल्लंघन पाए गए। इनमें से कई दुकानों के पास लाइसेंस नहीं था, जानवरों की देखभाल के लिए वेटरनरी सुविधा नहीं थी और जानवरों को बिना रजिस्ट्रेशन वाले ब्रीडर्स से खरीदा गया था। एनिमल लॉ सेल की संयोजक प्रोफेसर सुनंदा भारती ने कहा, “ये जानवर चुपचाप पीड़ा सहते हैं, जबकि उन्हें बचाने के लिए कानून मौजूद हैं। लेकिन जब तक इनका पालन नहीं होगा, तब तक ये कानून बेअसर रहेंगे। अब कार्रवाई जरूरी है।
तुरंत कार्रवाई की मांग
रिपोर्ट में मांग की गई है कि जो पेट शॉप्स नियमों का पालन नहीं कर रही हैं, उन्हें तुरंत बंद किया जाए। साथ ही, नियमों के उल्लंघन में रखे गए जानवरों को जब्त किया जाए और वाइल्डलाइफ व पालतू जानवरों की अवैध बिक्री पर सख्त निगरानी रखी जाए।
कानून का पालन जरूरी
एनिमल लॉ सेल के स्टूडेंट कन्वीनर अंकुर अरोड़ा ने कहा, “अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो ये उल्लंघन लगातार जानवरों को नुकसान पहुंचाते रहेंगे। इससे यह संदेश जाएगा कि क्रूरता को सहन किया जा सकता है, जो बेहद खतरनाक है।”
लंबी अवधि के सुधार की जरूरत
सेल ने उम्मीद जताई है कि रिपोर्ट में दिए गए तथ्य कानून लागू करने वाली एजेंसियों को अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद करेंगे। साथ ही, उन्होंने जानवरों की सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक नीति सुधारों की भी मांग की है।