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News 30’s: सुप्रीम कोर्ट महिला केंद्रित कानूनों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
सोमवार को जनहित याचिका पर होगी सुनवाई
जनहित याचिका में दहेज निषेध अधिनियम, घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम और भारतीय दंड संहिता में महिलाओं के प्रति क्रूरता पर प्रावधान जैसे कानूनों का नाम लिया गया है ताकि उनकी वैधता पर सवाल उठाया जा सके। याचिका पर जस्टिस बीआर गवई और के विनोद चंद्रन की पीठ द्वारा सुनवाई की जानी है।
झूठी शिकायत दर्ज करवा रही महिलाएं
याचिकाकर्ता रूपशी सिंह द्वारा दायर याचिका में कानून में द्वेष, लागू प्रावधानों में निहित अनुचितता और प्रावधानों में कानून की समानता की कमी को उजागर किया गया है। याचिकाकर्ता झूठी शिकायतें दर्ज करने वाली महिलाओं द्वारा किए गए अत्याचारों के खिलाफ पुरुषों की सुरक्षा की मांग कर रहा है, उन कानूनों का दुरुपयोग कर रहा है जो उन्हें नुकसान से बचाने के लिए बनाए गए थे। जनहित याचिका में कहा गया है कि दहेज निषेध अधिनियम, 1961 धर्म के आधार पर भेदभावपूर्ण है और घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को महिला-केंद्रित और पुरुषों के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताता है।