
News 30s’: सुप्रीम कोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती के उनके 69 वर्ष होने के उपलक्ष्य पर बड़ी राहत दी है। यूपी में उनकी मूर्तियां लगाने के खिलाफ 2009 की जनहित याचिका का निपटारा कर दिया गया।
60 हाथी की मूर्तियों की स्थापना पर भी उठाए गए थे सवाल
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने दो वकीलों रविकांत और सुकुमार द्वारा दायर याचिका का निपटारा यह देखने के बाद किया कि अधिकांश प्रार्थनाएं निष्फल हो गई थीं। कहा गया कि चुनाव आयोग ने पहले ही इस मुद्दे पर दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। मूर्तियों की स्थापना पर रोक नहीं लगाई जा सकती क्योंकि वे पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं वकीलों द्वारा दायर पीआईएल में आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2008-09 और 2009-10 के लिए राज्य के बजट से लगभग 2,000 करोड़ रुपये की कुल राशि का इस्तेमाल किया गया था, जब मायावती मुख्यमंत्री थीं। वकील प्रकाश कुमार सिंह के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया था कि 52.2 करोड़ रुपये की लागत से 60 हाथी की मूर्तियों की स्थापना न केवल सार्वजनिक धन की बर्बादी थी, बल्कि चुनाव आयोग द्वारा जारी परिपत्रों के विपरीत भी थी।