
Bombay High court
MH HC: बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवी मुंबई में एक भूखंड पर अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर राज्य सरकार की नगर नियोजन एजेंसी सिडको (CIDCO) की कड़ी आलोचना करते हुए पूछा है कि महाराष्ट्र में कानून का राज चलता है या ताकत का?
बोकारवीरा गांव के सरपंच पर धमकाने का आरोप
न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी और न्यायमूर्ति कमल की खंडपीठ ने इस महीने की शुरुआत में पारित आदेश में कहा कि सिडको अधिकारी अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के इच्छुक नहीं हैं। सिडको ने कोर्ट को बताया कि जब उन्होंने अवैध निर्माणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की कोशिश की, तो उन्हें बोकारवीरा गांव के सरपंच द्वारा धमकाया गया। इस पर कोर्ट ने कहा कि अधिकारी जब अपने वैधानिक कर्तव्यों का पालन कर रहे हों, तो उन्हें पर्याप्त पुलिस सुरक्षा मिलनी चाहिए, और यह संबंधित प्राधिकरणों का कर्तव्य है कि वे अवैधताओं को रोकें और कानून का शासन स्थापित करें। हाई कोर्ट ने कहा, “हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि हम ऐसे राज्य में रह रहे हैं जहां कानून का राज है या बाहुबल का?”
एक दशक से सिडको कार्रवाई के नाम पर चुप
हाई कोर्ट ने कहा, इसके बावजूद, पिछले एक दशक में सिडको ने अवैध ढांचों के खिलाफ कोई गंभीर कानूनी कार्रवाई नहीं की है। कोर्ट ने कहा, सिडको की स्थापना राज्य में योजनाबद्ध विकास के लिए की गई थी। नवी मुंबई को 21वीं सदी का योजनाबद्ध शहर माना जाता है। लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा, “सिडको अधिकारियों की कार्रवाई से ऐसा प्रतीत होता है कि वे राज्य सरकार की योजनाबद्ध विकास की मंशा को ही विफल करने पर तुले हुए हैं।
याचिका 2016 में एक दंपती ने दायर की थी
कोर्ट ने आगे कहा, बोकारवीरा गांव के सरपंच द्वारा दी गई धमकियों को लोकतांत्रिक राज्य में स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि सिडको अधिकारी अपने वैध कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। यह याचिका 2016 में एक दंपती द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि सिडको को निर्देश दिया जाए कि वह नवी मुंबई में उनकी जमीन पर दीपक पाटिल द्वारा बनाए गए अवैध ढांचों को गिराए। याचिका के अनुसार, 123 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध दुकानों का निर्माण किया गया है, जो याचिकाकर्ताओं की निजी भूमि है।
एक सप्ताह के भीतर सभी आवश्यक कानूनी कदम उठाए
कोर्ट ने सिडको को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ताओं की जमीन पर किए गए अवैध निर्माणों को हटाने के लिए एक सप्ताह के भीतर सभी आवश्यक कानूनी कदम उठाए। चूकि सिडको के अधिकारियों ने अपने जीवन को खतरा और बोकारवीरा ग्राम पंचायत के सरपंच से विरोध की आशंका जताई है, इसलिए हम नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त को निर्देश देते हैं कि वे सिडको अधिकारियों को पर्याप्त और उपयुक्त पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने सिडको द्वारा 2022 में दाखिल किए गए हलफनामे पर भी ध्यान दिया, जिसमें यह पुष्टि की गई थी कि संबंधित निर्माण अवैध हैं।