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Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में एक घोषणा की गई कि जिन ब्राह्मण जोड़ों के चार बच्चे होंगे, उन्हें 1 लाख रुपये का इनाम मिलेगा। इस घोषणा के बाद से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं।
सनातन को आगे ले जाने के लिए ब्राह्मणों को प्रोत्साहित करना है…
मध्य प्रदेश परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष विष्णु राजोरिया ने यह घोषणा करते हुए कहा कि इस कदम का उद्देश्य वेदों का ज्ञान रखने वाले वेदपाठी ब्राह्मणों (वेदों का ज्ञान रखने वाले) की कमी को दूर करते हुए, सनातन को आगे ले जाने के लिए ब्राह्मणों को प्रोत्साहित करना है।
कई समुदाय में बड़े परिवार हैं…
घोषणा ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। विशेष रूप से जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पेश करने की सरकार की योजना के आलोक में है। जिसका उद्देश्य परिवारों को दो बच्चों तक सीमित करना है। राजोरिया ने जवाब देते हुए कहा कि वे कानून के लागू होने पर उस पर विचार करेंगे, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कई समुदायों में बड़े परिवार हैं और उन्होंने सवाल उठाया कि सनातन धर्म के अनुयायियों को अलग क्यों किया जा रहा है।
बच्चों का जब कानून आए, तब सोचेंगे: विष्णु
विष्णु राजोरिया के अनुसार, इस मामले में राय अलग-अलग हो सकती है। जब बच्चों के नियंत्रण वाला कानून आएगा, तब हम इस पर सोचेंगे। अभी ऐसा कोई कानून नहीं है। कई समुदायों में आठ से सोलह बच्चे होते हैं, तो सिर्फ सनातन धर्म के लोग ही क्यों कहते हैं कि उन्हें कम बच्चे पैदा करने चाहिए?
पढ़ा-लिखा ब्राह्मण ढूंढना मुश्किल…
राजोरिया ने कहा कि बड़े-बड़े मठों और साधु-संन्यासियों के शिष्यत्व के लिए पढ़ा-लिखा ब्राह्मण ढूंढना बहुत मुश्किल हो गया है। कई महान संन्यासियों और महामंडलेश्वरों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उन्हें एक सुशिक्षित ब्राह्मण बच्चा नहीं मिल सका। कहा, सनातन धर्म हमारे देश की आधारशिला है और जनसंख्या वृद्धि दर लगातार कम हो रही है। इस कारण भविष्य में सनातन को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। अधिक बच्चे होने की यह सलाह मैंने परशुराम बोर्ड के अध्यक्ष होने के नाते दी है।
हमारा संकल्प है, पूरा करके रहेंगे…
राजोरिया ने सोमवार को कहा, रविवार को इंदौर में मध्य प्रदेश सनदीय ब्राह्मण सम्मेलन के दौरान मैंने मंच से घोषणा की थी और यह मेरी निजी राय है कि जो भी नया ब्राह्मण जोड़ा चार बच्चों को जन्म देगा, उसे 1 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। यह हमारा संकल्प है और जो कहा गया है, उसे हम पूरा करेंगे।
सनातन की सेवा करनी चाहिए: राजोरिया
राजोरिया ने इस बात पर जोर दिया कि चारों बच्चों में से एक को वेदपाठी होना चाहिए और सनातन की सेवा करनी चाहिए, जबकि दूसरे को देश की सेवा के लिए समर्पित होना चाहिए। अन्य दो बच्चे रोजगार, व्यवसाय या अपने माता-पिता की देखभाल पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
चार ब्राह्मण बच्चों में एक वेदपाठी होगा…
राजोरिया बोले, चार ब्राह्मण बच्चों में से यदि एक वेदपाठी होगा, संस्कृति का अच्छा विद्वान होगा, तो वह सनातन की सेवा करेगा। एक देश सेवा के लिए समर्पित होगा। इसी तरह, एक बच्चा रोजगार, व्यवसाय या जो कुछ भी चलाने के लिए आवश्यक होगा वह करेगा। परिवार और एक बच्चा घर पर रहकर माता-पिता की सेवा करेंगे, यही इसके पीछे मूल भावना है।
प्रति परिवार दो बच्चे की वकालत: कांग्रेस
कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने राजोरिया के बयान की आलोचना की, इसे “बेतुका” बताया और प्रति परिवार अधिकतम दो बच्चों की वकालत की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें उचित शिक्षा, भोजन और कपड़े मिले। राजोरिया मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं और वह बहुत प्रबुद्ध व्यक्ति हैं। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि उन्हें ऐसी बेतुकी बातें नहीं करनी चाहिए। दो बच्चे होने चाहिए। अगर एक ही होता तो बहुत अच्छा होता। लेकिन होना चाहिए नायक ने कहा, अधिकतम दो बच्चे हों, चाहे वे लड़के हों या लड़कियां ताकि उनका पालन-पोषण अच्छे से हो सके और उनकी शिक्षा और जीवन की गुणवत्ता अच्छी हो।