
Jail grill
Kerala Jail: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केरल की जेलों में कैदियों के लिए शिक्षा की सुविधा न होने पर मीडिया रिपोर्ट के आधार पर खुद संज्ञान लिया है।
आयोग ने चार हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी
रिपोर्ट के मुताबिक, गंभीर अपराधों में सजा काट रहे कई कैदी अब अपनी जिंदगी बदलने के लिए रेगुलर या ऑनलाइन कोर्स में दाखिला ले रहे हैं, लेकिन जेल प्रशासन उनके इस प्रयास को सहयोग नहीं दे पा रहा है। आयोग ने कहा है कि अगर रिपोर्ट में दी गई बातें सही हैं, तो यह उन कैदियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन है जो पढ़ाई करना चाहते हैं। इस पर आयोग ने केरल सरकार के जेल महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
स्टाफ और संसाधनों की भारी कमी
25 अप्रैल 2025 को छपी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केरल की जेलों में स्टाफ की भारी कमी है। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए जरूरी डिवाइस और सुरक्षित इंटरनेट कनेक्शन भी उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कोई मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं है कि कैदी इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ पढ़ाई के लिए करें।
कुछ अपराधी पढ़ाई के बहाने पैरोल की कोशिश में
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ खतरनाक अपराधी रेगुलर कोर्स में दाखिले की कोशिश कर रहे हैं ताकि जेल से बाहर जाने के लिए अंतरिम रिहाई (पैरोल) मिल सके। यह एक तरह की चालाकी मानी जा रही है।
भोपाल में लापता बच्ची के मामले में भी NHRC का संज्ञान
गुरुवार को NHRC ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के कोहेफिजा इलाके से छह साल की बच्ची के लापता होने के मामले में भी खुद संज्ञान लिया। बच्ची 18 दिन पहले एक अंडरब्रिज से गायब हुई थी, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।
मां ने जताया रिश्तेदार पर शक, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
आधिकारिक प्रेस रिलीज के अनुसार, आयोग ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। बच्ची की मां, जो आठ बच्चों के साथ बेघर है, ने अपनी बेटी की गुमशुदगी में एक रिश्तेदार पर शक जताया है। लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर रही और अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।