
Jagdeep Dhankhar
Judge’s Row 16: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों से बातचीत में कहा कि सरकार इस समय लाचार है, क्योंकि वह एक एफआईआर तक दर्ज नहीं कर सकती।
तीन दशक पुराना न्यायिक आदेश रोक लगा रहा
उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक तीन दशक पुराना न्यायिक आदेश इस पर रोक लगा रहा है और जब तक न्यायपालिका के सबसे ऊंचे स्तर से अनुमति नहीं मिलती, तब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती। धनखड़ ने कहा, “मैं खुद से सवाल करता हूं, पीड़ा में, चिंता में, कि वह अनुमति क्यों नहीं दी गई? यह तो कम से कम पहले दिन ही हो जाना चाहिए था।” उन्होंने कहा कि अगर कोई अपराध हुआ है, जो लोकतंत्र और कानून के शासन की नींव को हिला रहा है, तो उसे सजा क्यों नहीं मिली?
कैश बरामदगी पर उठाए सवाल
धनखड़ ने कहा कि मार्च के मध्य में दिल्ली में एक मौजूदा जज के घर से अवैध, बेहिसाब और संदिग्ध नकदी मिली थी। यह मामला 6-7 दिन बाद सार्वजनिक हुआ। उन्होंने कहा, “अगर यह सामने नहीं आता तो क्या होता? क्या यह अकेला मामला है या और भी हैं? यह जानना जरूरी है कि यह पैसा किसका है, कहां से आया और क्या इससे न्यायिक कामकाज प्रभावित हुआ?”
जांच की मांग, बार एसोसिएशन की सराहना
उपराष्ट्रपति ने कहा कि बार एसोसिएशन इस मुद्दे को उठा रही हैं, यह संतोषजनक है। उन्होंने कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि एफआईआर दर्ज हो। यह अनुमति पहले दिन ही दी जा सकती थी, या कम से कम रिपोर्ट आने के बाद।”
न्यायपालिका की गरिमा पर चिंता
धनखड़ ने कहा कि अगर न्याय का मंदिर ही भ्रष्ट हो जाए, तो आम आदमी न्याय के लिए कहां जाएगा? उन्होंने कहा, “हमारे जजों को सुरक्षा की जरूरत है, क्योंकि वे कार्यपालिका के खिलाफ फैसले देते हैं। लेकिन अब तो जजों के घर भी पवित्र नहीं रहे। वहां अपराध हो जाए तो भी जांच नहीं होती, जब तक अनुमति न मिले।”
लोकतंत्र और कानून के शासन की रक्षा जरूरी
धनखड़ ने कहा कि बार एसोसिएशन लोकतंत्र के प्रहरी हैं। उन्होंने कहा, “अगर कुछ लोग कानून से ऊपर हो जाएं, जांच से परे हो जाएं, तो लोकतंत्र और कानून का शासन कमजोर हो जाता है।”
जांच से ही सच्चाई सामने आएगी
धनखड़ ने कहा, “मैं किसी को दोषी नहीं ठहरा रहा, लेकिन जांच होनी चाहिए। तभी सच्चाई सामने आएगी। अगर पैसा न्यायिक फैसलों को प्रभावित करने के लिए था, तो यह बेहद गंभीर मामला है।”
न्यायपालिका पर जनता का भरोसा
उपराष्ट्रपति ने कहा, “मैंने दुनिया घूमी है, हमारे जज बुद्धिमत्ता और मेहनत में सबसे आगे हैं। जनता कार्यपालिका पर भरोसा खो सकती है, लेकिन न्यायपालिका पर भरोसा करती है।”
कानून सबके ऊपर है: धनखड़
धनखड़ ने कहा कि अगर हम लोकतंत्र और कानून के शासन को बचाना चाहते हैं, तो निष्पक्ष और वैज्ञानिक जांच जरूरी है। उन्होंने कहा, “कानून सबके ऊपर है, चाहे कोई भी पद पर क्यों न हो।