
Man looking out from indian railway train window
IRCTC-BOOKING: रेलवे टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाने के लिए आईआरसीटीसी ने बड़ा कदम उठाया है।
3.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी ब्लॉक
अब कोई भी अनधिकृत एजेंट फर्जी प्रोफाइल बनाकर एक साथ कई बार टिकट बुकिंग की कोशिश नहीं कर सकेगा। इसके लिए आईआरसीटीसी ने एआई आधारित तकनीक लागू की है, जिससे फर्जी आईडी और बॉट्स को पहचानकर उन्हें ब्लॉक किया जा रहा है। पिछले एक साल में 3.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी ब्लॉक की जा चुकी हैं।
कैसे होती थी फर्जी बुकिंग
आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि पहले अनधिकृत एजेंट एक ही यात्री के लिए कई फर्जी प्रोफाइल बनाते थे। जैसे अगर कोई यात्री दिल्ली से आगरा का टिकट चाहता है, तो एजेंट 30 फर्जी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर से 30 प्रोफाइल बनाता था। इन प्रोफाइल से एक साथ टिकट बुकिंग की कोशिश होती थी, जिससे उस यात्री को कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाती थी। इसके लिए बॉट्स का भी इस्तेमाल होता था।
सिस्टम पर बढ़ता था लोड
जब एक यात्री के लिए 30 बार बुकिंग की कोशिश होती है, तो सिस्टम पर भारी लोड पड़ता है। अगर 1,000 यात्री ऐसा करते हैं, तो 30,000 बार बुकिंग की कोशिश होती है। इससे उन यात्रियों को नुकसान होता है जो सिर्फ एक बार बुकिंग करते हैं।
एआई-बेस्ड बॉट डिटेक्शन से मिली सफलता
आईआरसीटीसी ने अब एआई और मशीन लर्निंग आधारित बॉट डिटेक्शन तकनीक लागू की है। इससे फर्जी प्रोफाइल और बॉट्स को पहले ही पहचानकर ब्लॉक कर दिया जाता है। इससे टिकट बुकिंग सिस्टम में पारदर्शिता आई है और सभी यात्रियों को बराबरी का मौका मिल रहा है।
नई यूजर आईडी बनना हुआ कम
आईआरसीटीसी के मुताबिक, इस तकनीक के बाद हर दिन बनने वाली नई यूजर आईडी की संख्या 60,000-65,000 से घटकर अब 10,000-12,000 रह गई है। इससे सिस्टम पर लोड कम हुआ है और टिकट बुकिंग प्रक्रिया आसान हुई है।
7,000 डिस्पोजेबल ईमेल आईडी भी ब्लॉक
हाल के महीनों में 7,000 डिस्पोजेबल ईमेल आईडी को भी ब्लॉक किया गया है। इससे टिकटिंग सिस्टम की विश्वसनीयता और मजबूत हुई है। अधिकारी ने बताया कि आईआरसीटीसी लगातार अपने डिजिटल सिस्टम को बेहतर बना रहा है ताकि देशभर के करोड़ों यात्रियों को पारदर्शी और सुविधाजनक टिकट बुकिंग अनुभव मिल सके।