
A realistic depiction of a reserve forest area with a partially demolished boundary wall. AI IMAGE
Delhi HC: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, राजधानी में अधिसूचित वन क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं लग रहे हैं। इस संदर्भ में दिल्ली पुलिस को इन इलाकों में सतत निगरानी रखने का निर्देश दिया।
दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता से संबंधित याचिका पर सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, वन क्षेत्रों की सीमांकन दीवारों में पाई गई दरारों और अतिक्रमण की घटनाओं का दिल्ली पुलिस को गहन सर्वेक्षण या निरीक्षण के बाद एक सप्ताह के भीतर दिल्ली विकास प्राधिकरण को रिपोर्ट करना चाहिए। दरअसल, दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी। इस मामले को हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए न्यायालय की सहायता के लिए न्याय मित्र भी नियुक्त किया। न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश वासुदेव ने अदालत को बताया कि वन क्षेत्रों में कई स्थानों पर सीमांकन दीवारें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और वहां अतिक्रमण हो रहा है।
अधिकारियों की लापरवाही पर अदालत की नाराजगी
पीठ ने कहा, याचिका में प्रस्तुत तथ्य यह कहने के लिए बाध्य करते हैं कि दिल्ली पुलिस, दिल्ली विकास प्राधिकरण और वन विभाग सहित सभी संबंधित अधिकारी अधिसूचित वन क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता से काम नहीं कर रहे हैं। इसमें अरावली जैव विविधता पार्क, संजय वन, साउथ-सेंट्रल रिज और वसंत कुंज के पास नेल्सन मंडेला मार्ग पर स्थित शॉपिंग मॉल्स के पीछे के जंगल शामिल हैं। अदालत ने वन संरक्षक और रिज मैनेजमेंट बोर्ड को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई से पहले यह रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि अब तक वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और आगे क्या आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
डीडीए ने दी मरम्मत कार्य की जानकारी
दिल्ली विकास प्राधिकरण के वकील ने अदालत को बताया कि सीमांकन दीवारों में पाई गई दरारों और अतिक्रमण की घटनाओं के बाद उनकी मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, अदालत ने कहा कि सीमा दीवार की मरम्मत के अलावा, दिल्ली पुलिस को भी लगातार निगरानी रखने की आवश्यकता है। वन विभाग, विशेष रूप से संबंधित क्षेत्र के वन संरक्षक की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे नियमित निरीक्षण करें और किसी भी उल्लंघन की सूचना संबंधित अधिकारियों को दें ताकि वन को और अधिक नुकसान से बचाया जा सके।
दिल्ली पुलिस सतत निगरानी की वीडियोग्राफी कराकर रिपोर्ट दे
पीठ ने आगे निर्देश दिया कि दिल्ली पुलिस द्वारा किए जाने वाले निरीक्षण को फोटोग्राफ और वीडियो के माध्यम से दस्तावेजीकरण किया जाए। इसकी रिपोर्ट डीडीए को भेजी जाए, ताकि वह सीमा दीवारों की मरम्मत और अतिक्रमण हटाने की दिशा में उचित कदम उठा सके। अदालत ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को आदेश दिया कि अगली सुनवाई 14 मई से पहले वह अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करे।