
Delhi High Court
Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने 30 मई 2025 को राष्ट्रीय राजधानी में केवल परक्राम्य लिखत अधिनियम (Negotiable Instruments Act) से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए राऊज एवेन्यू जिला न्यायालय परिसर में 34 डिजिटल अदालतों का उद्घाटन किया।
“कर्तव्य-सचेत” रहते हुए निहित शक्तियों का प्रयोग करें
न्यायमूर्ति उपाध्याय ने न्यायिक अधिकारियों से जनहित में कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि “यहां जो प्रकार का ढांचा तैयार किया गया है, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी का उपयोग, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने न्यायाधीशों से आग्रह किया कि वे “शक्ति-चालित” होने के बजाय “कर्तव्य-सचेत” रहते हुए अपने अधिकार क्षेत्र और उनके पास निहित शक्तियों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा, “यदि आप (न्यायाधीश) यह सोचकर काम करेंगे कि आपके पास कोई शक्ति है, तो आप उस व्यक्ति के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे जो आपके पास आता है।
चेक बाउंस मामलों के भारी बोझ को कम करने में होगी मदद
इस अवसर पर दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विभू बखरू, न्यायमूर्ति सुब्रमोनियम प्रसाद, न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी, न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा और न्यायमूर्ति अजय दिगपाल भी उपस्थित रहे। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कंवल जीत अरोड़ा ने कहा कि ये अदालतें दिल्ली में चेक बाउंस मामलों के भारी बोझ को कम करने में मदद करेंगी। यह अधिनियम परक्राम्य लिखतों, जैसे कि प्रतिज्ञापत्र, विनिमय बिल और चेक, को नियंत्रित करता है।