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Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से नीतीश कटारा हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा पाए सुखदेव पहलवान की सजा माफ करने पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।
दिल्ली सरकार के गृह सचिव को हलफनामा दायर करने के दिए निर्देश
जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या वे पहलवान को उसकी 20 साल की आजीवन कारावास की सजा पूरी करने पर छूट देंगे। दिल्ली सरकार के वकील ने प्रस्तुत किया कि पहलवान को बिना छूट के 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस प्रकार, यह कहा गया कि 20 साल पूरे करने का मतलब यह नहीं होगा कि सजा माफ कर दी जाएगी। अदालत ने दिल्ली सरकार के गृह सचिव को इस मामले पर एक हलफनामा दायर करने को कहा है।
नीतीश कटारा हत्याकांड में अदालती निर्देश
- 30 मई, 2008 को एक ट्रायल कोर्ट ने विकास और उसके चचेरे भाई विशाल को दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- दो महीने बाद, तीसरे आरोपी सुखदेव पहलवान को भी दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- वर्ष 2015 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने यादव बंधुओं और पहलवान के लिए आजीवन कारावास के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और भाइयों को बिना किसी छूट के 25 साल की जेल की सजा सुनाई और पहलवान को बिना किसी छूट के 20 साल की जेल की सजा सुनाई।
- वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अभियुक्तों को दी गई सजा की मात्रा पर सहमति व्यक्त की।