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Delhi HC: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि अगस्त में प्रस्तावित गुरुद्वारा चुनावों के लिए नए मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया के लिए एक निर्धारित समयसीमा सुनिश्चित की जाए।
आवश्यक जनशक्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
न्यायमूर्ति मीनी पुष्कर्णा ने इस बात को गंभीरता से लिया कि बार-बार निर्देश देने के बावजूद दिल्ली के गुरुद्वारा वार्डों की नई फोटोयुक्त मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। अदालत ने कहा कि मतदान की प्रक्रिया दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) के नियमों के अनुसार ही संपन्न होगी। हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय के लिए आवश्यक जनशक्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो सके और अगले गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के चुनावों से पहले पूरी की जा सके।
फोटो मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया के लिए एक स्पष्ट समयसीमा प्रदान करें
अदालत ने 8 अप्रैल के आदेश में कहा, मुख्य सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD), यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित अधिकारी 46 वार्डों के लिए नई फोटो मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया के लिए एक स्पष्ट समयसीमा प्रदान करें, जैसा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (मतदाता पंजीकरण) नियम, 1973 के अंतर्गत निर्धारित है। स. गुरमीत सिंह शंटी और स. परमजीत सिंह खुराना ने अदालत से अनुरोध किया था कि वह अधिकारियों को सभी वार्डों के लिए नई मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने और पूरी करने का निर्देश दे।
2022 में अदालती निर्देश का पालन नहीं किया गया
याचिका में कहा गया कि 2022 में अदालत के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद नई मतदाता सूची तैयार नहीं की गई। दिल्ली हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल को गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय, उपराज्यपाल और अन्य को नोटिस जारी किया, जिसमें DSGMC की चुनावी प्रक्रिया में सुधार को लेकर लंबे समय से जारी निष्क्रियता पर चिंता जताई गई। मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया कि वे चार सप्ताह के भीतर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करें और बैठक की कार्यवाही की रिपोर्ट अदालत में दाखिल करें। गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय के वकील ने अदालत को बताया कि नई मतदाता सूची तैयार करने के लिए कम से कम 12 महीने की आवश्यकता होगी।
नई मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है
इस दावे का विरोध याचिकाकर्ताओं के वकील ने किया और कहा कि 2022 के फैसले के अनुसार फोटो सहित नई मतदाता सूची तैयार करने के लिए केवल पांच महीने की आवश्यकता है। अदालत को यह भी बताया गया कि गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने अब तक नई मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है और अभी केवल अधिकारियों की तैनाती के लिए अनुरोध करने की अवस्था में है। इस मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी।