
View of people walking in the airport hallway
Delhi HC: दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति राजीव कुमार गुप्ता की पीठ ने कस्टम अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यात्रियों के पुराने और व्यक्तिगत आभूषणों, विशेष रूप से वे आभूषण जो वे यात्रा के दौरान पहने होते हैं, को अनावश्यक रूप से जब्त न करें और यात्रियों को परेशान न किया जाए।
आभूषणों को कस्टम विभाग द्वारा अनुचित तरीके से रोका जा रहा है
अदालत ने यह निर्देश तब दिया जब कस्टम विभाग ने सूचित किया कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) एक विस्तृत परामर्श प्रक्रिया चला रहा है और बैगेज नियमों (Baggage Rules) में संशोधन के लिए कुछ और समय चाहिए। कोर्ट 30 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें यह मुद्दा उठाया गया था कि भारत आने वाले विदेशी और भारतीय यात्रियों के सामान, खासकर उनके आभूषणों को कस्टम विभाग द्वारा अनुचित तरीके से रोका जा रहा है।
यह रहा कोर्ट का निर्देश
अदालत ने कहा, CBIC और कस्टम विभाग चूंकि बैगेज नियमों में संशोधन करने के लिए और समय मांग रहे हैं, इसलिए कस्टम अधिकारियों के लिए एक संवेदनशीलता अभियान चलाया जाए। कस्टम अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि भारतीय यात्रियों के पुराने, व्यक्तिगत और पहने हुए आभूषणों को नियमित रूप से जब्त न किया जाए, ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो। अगर बैगेज नियमों में संशोधन अगली सुनवाई तक संभव नहीं होता है, तो कोर्ट ने 19 मई तक एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) पेश करने का निर्देश दिया है, जिसे तब तक कस्टम विभाग द्वारा लागू किया जाएगा जब तक कि नए नियम नहीं बन जाते।
नियमों में बदलाव की जरूरत
कोर्ट ने देखा कि 2016 में बनाए गए बैगेज नियम अब पुराने हो चुके हैं और सोने की कीमतों में भारी वृद्धि को देखते हुए इन नियमों को फिर से संशोधित करने की आवश्यकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यात्रियों से लिए जाने वाले बयान की प्रक्रिया और जब्त सामान के मूल्यांकन और निपटान के तरीकों को सरल बनाया जाना चाहिए। कोर्ट ने CBIC और कस्टम विभाग को निर्देश दिया कि वे इन दिशानिर्देशों के अनुसार हलफनामा दायर करें और अगली सुनवाई में SOP का मसौदा पेश करें।