
Photo by Kalistro on <a href="https://www.pexels.com/photo/anonymous-we-are-legion-25382315/" rel="nofollow">Pexels.com</a>
Decision 30’s:बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को टोरेस निवेश घोटाले की जांच में सुस्ती के लिए मुंबई पुलिस को आड़े हाथों लिया और मामले में व्हिसलब्लोअर होने का दावा करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट को सुरक्षा देने का आदेश दिया।
अभिषेक गुप्ता ने किया था घोटाले का पर्दाफाश
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने शहर के पुलिस आयुक्त को अभिषेक गुप्ता को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया, जिन्होंने घोटाले का पर्दाफाश करने का दावा किया है। हालांकि पुलिस ने अदालत को बताया कि वे अभी भी यह पता लगा रहे हैं कि क्या उन्हें किसी खतरे का सामना करना पड़ा है। अदालत का आदेश गुप्ता द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में आया।
सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप
टोरेस ज्वैलरी ब्रांड की मालिक कंपनी पर पोंजी और मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) योजनाओं के संयोजन के माध्यम से सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। जिसमें बहुत अधिक रिटर्न का वादा किया गया था लेकिन अंततः भुगतान में चूक हुई। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस मामले में अब तक दो विदेशी नागरिकों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गुप्ता की याचिका में घोटाला सामने आने के बाद अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग की गई थी।