
Court News: दिल्ली हाईकोर्ट ने आईजीआई एयरपोर्ट के 10 किलोमीटर के भीतर बूचड़खानों को बंद करने की मांग पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और अन्य से जवाब मांगा है।
जनहित याचिका की चिंताओं पर संबंधित विभाग जवाब दें
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने याचिका पर डीजीसीए के अलावा, अदालत ने याचिका पर भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, दिल्ली सरकार, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली पुलिस से भी जवाब मांगा है। अदालत ने इस जनहित याचिका की चिंताओं को कम करने वाले उपायों पर संबंधित अधिकारियों से उनके विभागों का रुख पूछा है। कहा, जवाबों को न केवल जनहित याचिका में किए गए कथनों के पैरा-वार उत्तर देने पर ध्यान देने के बजाय उठाई गई चिंताओं पर उठाए गए कदमों का विवरण दें।
कचरे के निपटान करने में सभी एजेंसियां रहीं विफल: याचिका में दावा
पशु अधिकार कार्यकर्ता याचिकाकर्ता गौरी मौलेखी ने कहा कि विमान नियम और भारतीय वायुयान विधेयक, 2024, हवाई अड्डे के संदर्भ बिंदु (एआरपी) से 10 किलोमीटर के दायरे में जानवरों के वध या खाल उतारने या इससे संबंधित किसी भी कचरे के निपटान पर रोक लगाते हैं, जिससे पक्षियों या जानवरों के आकर्षित होने की संभावना हो। उक्त नियम का उल्लंघन एक संज्ञेय दंडनीय अपराध है। ऐसे कारणों से दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है, मगर उक्त खतरे को रोकने के लिए कोई प्रभावी उपाय या कदम नहीं उठाए गए हैं। इसलिए, याचिकाकर्ता ने आईजीआई हवाई अड्डे के एआरपी के 10 किलोमीटर के दायरे में सभी अवैध बूचड़खानों, मांस की दुकान समूहों और अन्य अनधिकृत प्रतिष्ठानों को बंद करने की मांग की है।
आईजीआई एयरपोर्ट पर पक्षी परिहार मॉडल लागू हो
कानूनी फर्म करंजावाला एंड कंपनी के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा कि आईजीआई एयरपोर्ट पर विमान के साथ पक्षियों या वन्यजीवों का टकराव न केवल विमान में सवार यात्रियों के जीवन और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है, बल्कि दुर्घटना की स्थिति में स्थानीय निवासियों को भी जोखिम में डालता है। इसमें अधिकारियों को पक्षी विमान हमले के खतरे (बीएएसएच) को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करने और आईजीआई एयरपोर्ट पर पक्षी परिहार मॉडल (बीएएम) को लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिसके अभाव में कथित तौर पर अतीत में गंभीर दुर्घटनाएं हुई हैं।
कचरे के कारण पक्षी टकराने की घटनाओं में इजाफा
याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2018 से 2023 के बीच आईजीआई हवाई अड्डे पर पक्षियों के टकराने की कुल 705 घटनाएं हुईं, जो छह विभिन्न राज्यों के 29 हवाई अड्डों पर दर्ज की गई संयुक्त पक्षी टकराने की घटनाओं से अधिक है। ऐसी घटनाओं के पीछे मुख्य कारण आईजीआई एयरपोर्ट के आसपास बूचड़खानों, मांस की दुकानों, डेयरी फार्मों और पर्यावरण प्रदूषण की मौजूदगी है। यह विभिन्न कानूनों के विपरीत है। याचिकाकर्ता ने बीएएम के प्रभावी कार्यान्वयन के अलावा ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकारियों को कई बार आवेदन किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।