
Advocate Dress
Contempt Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना वकील का गाउन पहने और खुले बटन वाली शर्ट में कोर्ट में पेश होने के कारण अधिवक्ता अशोक पांडे को छह महीने की सजा सुनाई है।
वर्ष 2021 में अवमानना का शुरू हुआ था मामला
दरअसल, वर्ष 2021 को बिना वकील का गाउन पहने और खुले बटन वाली शर्ट में अधिवक्ता कोर्ट में पेश हो गए थे। इस कारण कोर्ट के निर्देश पर अवमानना का मामला चला। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और बी.आर. सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि यह उदाहरणात्मक सजा आवश्यक है। क्योंकि आरोप गंभीर हैं। अधिवक्ता अशोक पांडे का पूर्व आचरण अनुचित रहा है, और उन्होंने कार्यवाही में हिस्सा लेने से इनकार किया। कोर्ट ने उन पर ₹2000 का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में एक माह की अतिरिक्त कैद होगी।
आत्मसमर्पण करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया
पांडे को लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। कोर्ट ने पांडे को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, जिसमें पूछा गया है कि क्यों उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट और उसकी लखनऊ पीठ में वकालत करने से प्रतिबंधित न किया जाए। उन्हें जवाब देने के लिए 1 मई तक का समय दिया गया है।
2017 में हाईकोर्ट परिसर में दो साल का प्रतिबंध भी शामिल है
यह suo motu अवमानना कार्यवाही तब शुरू हुई जब पांडे 18 अगस्त 2021 को अनुचित पोशाक में कोर्ट में पेश हुए और न्यायाधीशों के साथ दुर्व्यवहार किया। जब उनकी उपस्थिति पर सवाल उठाया गया और उन्हें कोर्ट से बाहर जाने को कहा गया, तो उन्होंने कथित रूप से जजों को “गुंडा” कहा। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि पांडे पूर्व में भी कई बार अवमानना के मामलों में शामिल रह चुके हैं, जिनमें 2017 में हाईकोर्ट परिसर में दो साल का प्रतिबंध भी शामिल है।