
Delhi High Court
CBSE Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी नागरिक को अपने सार्वजनिक दस्तावेजों में सही और सटीक जानकारी पाने का पूरा हक है।
डबल बेंच ने दिया फैसला
कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) को निर्देश दिया कि वह एक छात्रा की जन्मतिथि अपने रिकॉर्ड में सुधार करे। यह फैसला उस मामले में आया, जिसमें छात्रा ने 1999 में जारी सीबीएसई सर्टिफिकेट में दर्ज जन्मतिथि को सही करने की मांग की थी। कोर्ट के न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद व हरीश वी शंकर की डिवीजन बेंच ने कहा कि किसी भी आधिकारिक जन्म प्रमाणपत्र को कानून के तहत सही माना जाता है और सीबीएसई जैसे संस्थानों को ऐसे दस्तावेजों के आधार पर अपने रिकॉर्ड में जरूरी सुधार करने चाहिए। कोर्ट ने सीबीएसई की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने सिंगल जज के फैसले को चुनौती दी थी।
अदालत में सीबीएसई का दावा
सीबीएसई ने कहा था कि सुधार की मांग तय समय सीमा के बाद की गई है और 10 साल से ज्यादा समय बीत जाने के कारण रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा जारी किया गया है और उसकी वैधता पर कोई सवाल नहीं है। इसके अलावा छात्रा के पासपोर्ट में भी सही जन्मतिथि दर्ज है। ऐसे में सीबीएसई रिकॉर्ड में अलग जानकारी होने से नौकरी, इमिग्रेशन या अन्य मामलों में भ्रम की स्थिति बन सकती है।
यह दिए कोर्ट ने निर्देश
अदालत ने यह भी कहा कि मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट को जन्मतिथि का पक्का प्रमाण माना जाता है, लेकिन जब जन्म प्रमाणपत्र और पासपोर्ट में सही जानकारी है, तो सीबीएसई को भी अपने रिकॉर्ड में सुधार करना चाहिए। कोर्ट ने माना कि सीबीएसई रिकॉर्ड में दर्ज गलत जन्मतिथि टाइपिंग या क्लेरिकल गलती नहीं, बल्कि एक वास्तविक भूल थी।
यह रहे अहम बिंदु
- सीबीएसई की अपील खारिज: अदालत ने कहा कि सिंगल जज का फैसला सही था और उसमें कोई गलती नहीं थी। इसलिए CBSE की अपील को खारिज किया जाता है।
- सार्वजनिक दस्तावेजों में एकरूपता जरूरी: कोर्ट ने कहा कि सभी आधिकारिक दस्तावेजों में एक जैसी जानकारी होना जरूरी है, ताकि नागरिक की पहचान स्पष्ट बनी रहे।
- जन्म प्रमाणपत्र को माना गया वैध: अदालत ने माना कि जन्म प्रमाणपत्र एक वैध और कानूनी दस्तावेज है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
- सीबीएसई को रिकॉर्ड में सुधार करने का निर्देश: कोर्ट ने सीबीएसई को निर्देश दिया कि वह छात्रा के रिकॉर्ड में जन्मतिथि को सही करे, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो