
Delhi News: डीडीए को यमुना पार रोपवे, केबलवे के विकास के लिए संभावित स्थलों के सर्वेक्षण और पहचान की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। इस मामले पर एक महीने के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
मेट्रो स्टेशन के पास साइट चयन होंगे
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि एक बार चालू होने के बाद परियोजना सुबह से रात तक निश्चित समय पर चलेगी, जिसमें केबल कारें लगभग 50 यात्रियों को यमुना पार ले जा सकती हैं। डीडीए, जो बाढ़ क्षेत्र का मालिक है, नदी के दोनों किनारों पर मेट्रो स्टेशनों के पास साइटों का चयन करेगा। साइटों का चयन मेट्रो, डीटीसी नोड्स से चलने योग्य दूरी के साथ किया जाए।
पैदल चलने की मिलेगी प्रेरणा
इस बात पर जोर दिया कि यह परियोजना न केवल सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करेगी, जिससे वाहन उत्सर्जन नहीं होता है, बल्कि लोगों को अपने व्यस्त दैनिक कार्यक्रम के दौरान भी पैदल चलने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। केबलवे, रोपवे को नदी के पार परिवहन का एक वैकल्पिक, गैर-प्रदूषणकारी तरीका प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इससे वायु प्रदूषण में योगदान करने वाली बसों, ऑटो और निजी वाहनों पर निर्भरता कम हो जाएगी।
सड़काें व पुलाें पर ट्रैफिक होगा कम
इससे सड़कों और पुलों पर यातायात भी कम हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, परियोजना आवासीय और कार्य क्षेत्रों के लिए नजदीकी मार्ग प्रदान करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि लोगों को लंबे घुमावदार मार्गों का सहारा न लेना पड़े। इसमें कहा गया है कि इससे यातायात कम होगा, प्रदूषण कम होगा और यात्रा का समय बचेगा। बयान में कहा गया है कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि डीडीए द्वारा यमुना बाढ़ के मैदानों पर विकसित बांसेरा और असिता जैसी साइटों में भी, पार्किंग क्षेत्र मुख्य पार्क क्षेत्रों से दूर स्थित हैं, जो लोगों को हरियाली में चलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देते हैं।