
Ranchi Court
Bitumen’s Scam: 27 साल पुराने अलकतरा घोटाले से जुड़े एक मामले में बिहार के पूर्व मंत्री मोहम्मद इलियास हुसैन व चार अन्य दोषी करार हो गए।
तीन वर्ष की सजा, 32 लाख रुपये जुर्माना लगाया
झारखंड के रांची में स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने मोहम्मद इलियास हुसैन, जो 1990 के दशक में बिहार के सड़क निर्माण मंत्री थे, के साथ उनके तत्कालीन सचिव शहाबुद्दीन बैग और तीन अन्य पवन कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार अग्रवाल और विनय कुमार सिन्हा को तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा, प्रत्येक दोषी पर 32 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
यह है सीबीआई का दावा
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, यह मामला पश्चिम बंगाल के हल्दिया से बिहार (अब झारखंड) के हजारीबाग में स्थित सड़क निर्माण विभाग (आरसीडी) तक बिटुमेन के परिवहन से जुड़ा था, जो कि बरौनी के रास्ते किया जाना था। जांच में यह पाया कि वास्तव में कोई परिवहन हुआ ही नहीं था। इसके बजाय, हल्दिया से बिटुमेन उठाकर उसे कोलकाता के खुले बाजार में अवैध रूप से बेच दिया गया था। आरोपियों ने परिवहन शुल्क के फर्जी दावे कर सरकार को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया।
मामला दर्ज के चार वर्ष बाद चार्जशीट हुई थी दायर
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मामले में 1997 में एफआईआर दर्ज की थी। तभी सड़क निर्माण परियोजनाओं के लिए बिटुमेन की खरीद और परिवहन में भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए थे। चार वर्षों की जांच के बाद, एजेंसी ने 2001 में चार्जशीट दायर की, जिसमें इस धोखाधड़ी योजना और इसमें शामिल लोगों की भूमिका को उजागर किया गया। पूर्व मंत्री और उनके सहयोगियों की सजा इस बात को दर्शाती है कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में जवाबदेही तय करने के प्रयास लगातार जारी हैं।