
River Ganga in Bihar. AI IMAGE
Bihar News: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के बिहार सरकार पर लगाए गए 50,000 रुपये के जुर्माना पर रोक लगा दी है।
गंगा नदी में प्रदूषण की रोकथाम व नियंत्रण पर मामला
दरअसल, यह जुर्माना अधिकरण के निर्देशों का पालन न करने और गंगा नदी के प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण से संबंधित मामले में उचित सहायता न देने के कारण लगाया गया था। पिछले साल 15 अक्टूबर को पारित अपने आदेश में, एनजीटी ने बिहार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे गंगा नदी में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण की प्रगति के बारे में जानकारी देने के लिए वर्चुअल रूप से उसकी उपस्थिति दर्ज कराएं। बिहार सरकार द्वारा अधिकरण के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी आर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सुनवाई की।
चार सप्ताह के भीतर याचिका पर प्रतिक्रिया देने के निर्देश
पीठ ने केंद्र और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा था। अपने आदेश में पीठ ने कहा, अगले आदेश तक, विवादित आदेश पर रोक रहेगी। एनजीटी गंगा नदी के प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण से जुड़े मामले की जांच कर रहा है और इसे राज्यवार उठाया जा रहा है, जिसमें उन सभी राज्यों और जिलों को शामिल किया गया है जहां से यह नदी और इसकी सहायक नदियां बहती हैं।
नदी पर कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर एनजीटी सख्त
एनजीटी ने अपने आदेश में यह नोट किया था कि उसने पहले भी बिहार में गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों के जल गुणवत्ता के मुद्दे पर विचार किया था। इसने राज्य के अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि वे उस स्थान से जल नमूने का विश्लेषण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें जहां सहायक नदी गंगा में मिलती है और साथ ही बिहार में गंगा नदी के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर भी नमूने लिए जाएं। पिछले साल अक्टूबर में एनजीटी ने कहा, उपरोक्त निर्देशों का पालन नहीं किया गया है, और बिहार राज्य या बिहार के उन सभी जिलों से कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है जहां से गंगा नदी और इसकी सहायक नदियां बहती हैं। इसने राज्य के मुख्य सचिव को अगले सुनवाई की तारीख पर वर्चुअल रूप से उपस्थित होने और गंगा नदी में प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण की प्रगति तथा 2016 के गंगा नदी (पुनर्जीवन, संरक्षण और प्रबंधन) प्राधिकरण आदेश में दिए गए निर्देशों के अनुपालन के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था।