
Arrest Case: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल में प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या के मामले में आरोपी गैंगस्टर अता-उर-रहमान को जमानत दे दी है।
संवैधानिक गारंटी का पालन नहीं किया
कोर्ट ने कहा कि आरोपी या उसके परिवार को गिरफ्तारी के आधार नहीं बताए गए, जो उसके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। इसी वजह से उसे जमानत दी जा रही है। आरोपी को उसकी आजादी से वंचित करने से पहले गिरफ्तारी के कारण बताना जरूरी था। यह संवैधानिक गारंटी है, जिसका पालन नहीं किया गया। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि अपराध की गंभीरता बनी हुई है और आरोपी को मुकदमे का सामना करना होगा।
स्पेशल सेल ने किया था गिरफ्तार
अता-उर-रहमान को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अप्रैल 2023 में प्रिंस तेवतिया की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। वह पहले से ही तिहाड़ जेल में एक अन्य केस में बंद था।
50 हजार के मुचलके पर मिली जमानत
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुमित दास ने आरोपी को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने क्या कहा
जज ने कहा, “मैं सभी दस्तावेजों को देखने के बाद भी यह नहीं मान पा रहा कि गिरफ्तारी के आधारों की जानकारी आरोपी को दी गई थी। न जांच एजेंसी ने और न ही किसी और ने कानून के अनुसार इसका पालन किया।”
गिरफ्तारी के समय नहीं दी गई जानकारी
कोर्ट ने यह भी कहा कि जब आरोपी को पुलिस रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया गया, तब भी गिरफ्तारी के आधारों का कोई जिक्र नहीं था। सिर्फ कानूनी सहायता के वकील की मौजूदगी से यह कानूनी जिम्मेदारी पूरी नहीं होती। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी के समय इस मूलभूत अधिकार की पूरी तरह अनदेखी की गई। मजिस्ट्रेट ने भी इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए आरोपी को जमानत दी जाती है।