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Court News: तमाम स्कूलों में छात्रों के स्मार्टफोन को सुरक्षित स्थान पर रखने की व्यवस्था किया जाए, ताकि जब स्कूल में प्रवेश करें तो उसे रख दें और वापस जाते समय ले जाएं।
निगरानी व विनियमित करने का निर्देश जारी
हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने स्कूलों में बच्चों के स्मार्टफोन ले जाने पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए इसकी निगरानी व विनियमित करने का निर्देश जारी किया। कहा, अभी तक स्मार्टफोन को लेकर नकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं और इसके इस्तेमाल के कई हित हैं। इस दौरान अदालत ने स्मार्टफोन को लेकर तमाम दिशा-निर्देश भी जारी किए।
नाबालिग के स्मार्टफोन के दुरुपयोग करने के मामले पर सुनवाई
केंद्रीय विद्यालय के एक नाबालिग छात्र की याचिका पर सुनवाई के दौरान स्कूल में फोन प्रतिबंधित करने को लेकर दिशा निर्देश तय करने की मांग की गई थी। याचिका पर जिरह के दौरान अदालत ने एनसीपीसीआर व डीसीपीसीआर के साथ-साथ केंद्रीय विद्यालय संगठन, सीबीएसई से स्मार्टफोन मामले में अब तक उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था।
विभागों ने समय-समय पर जारी सर्कुलर को किया जमा
उक्त विभागों ने समय-समय पर जारी किए गए सर्कुलर से अदालत को अवगत कराया। इसमें केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा तीन प्रमुख सर्कुलर पेश किए। वहीं, वर्ष 2009 में केंद्रीय विद्यालय संगठन व सीबीएसई तथा वर्ष 2023 में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा आदेश में स्कूलों में फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी।
यह रहे हाई कोर्ट के निर्देश व मार्गदर्शन
- स्कूलों में छात्रों द्वारा स्मार्ट फोन ले जाने पर प्रतिबंध नहीं किया जा सकता है। हालांकि, स्कूल प्रबंधन स्मार्टफोन की निगरानी कर सकेंगे। यह बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक होते हैं।
- स्मार्टफोन न सिर्फ बच्चे अपने स्वजन के संपर्क में रहते हैं, बल्कि स्कूल आने में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।
- स्कूल में छात्रों को स्मार्टफोन ले जाने को लेकर नीतिगत तौर पर रोका नहीं जाना चाहिए, लेकिन स्कूल में स्मार्टफोन का उपयोग करने को लेकर स्कूल को विनियमित और मॉनिटर किया जाना चाहिए।
- समग्र शैक्षणिक माहौल के लिए कक्षा में स्मार्टफोन प्रतिबंधित होना चाहिए। साथ ही स्कूल के सामान्य क्षेत्रों के साथ-साथ स्कूल वाहनों में भी कैमरों का उपयोग और स्मार्टफोन पर रिकॉर्डिंग की सुविधा भी वर्जित होनी चाहिए।
- स्कूलों को छात्रों को डिजिटल शिष्टाचार, और स्मार्टफोन का नैतिक उपयोग करने व ऑनलाइन व्यवहार के बारे में शिक्षित करना चाहिए।
- स्कूल में स्मार्टफोन के इस्तेमाल के नियमों के उल्लंघन के लिए पारदर्शी, निष्पक्ष नियम लागू किए जाने चाहिए। अनुशासनात्मक कार्रवाई में छात्र को कुछ दिनों के लिए स्मार्टफोन ले जाने से रोकना शामिल हो सकता है
- सुरक्षा और समन्वय उद्देश्यों के लिए कनेक्टिविटी के लिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन मनोरंजन के लिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
- स्कूलों को नीतियों को लागू करने का विवेक होना चाहिए, उनकी अनूठी स्थितियों में फिट बैठें, चाहे इसमें अनुमति देना शामिल हो।
- प्रौद्योगिकी की तीव्र गति से प्रगति को देखते हुए, उभरती समस्याओं से निपटने के लिए नियमित रूप से समीक्षा और संशोधन किया जाना चाहिए।
- माता-पिता, शिक्षकों और विशेषज्ञों के परामर्श से स्कूल में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर नजर रखने की नीति बनाई जानी चाहिए।
स्कूलों को ऐसी नीतियों को लागू करना चाहिए जो उनकी परिस्थितियों के अनुकूल हों।