
News 30’s: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत आरोपियों या पीड़ितों की अपील को केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जाना चाहिए कि 90 दिनों से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता है।
अपील दायर करने की समय सीमा को लेकर जिरह
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम की धारा 21(5) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जो ट्रायल कोर्ट के किसी फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की समय सीमा से संबंधित है।
अच्छा कारण हो तो 30 दिनों के बाद भी अपील स्वीकार हो सकता है
पीठ ने वैधानिक प्रतिबंधों को प्रभावी ढंग से खत्म करने वाले अपने आदेश में कहा, आरोपी या पीड़ितों द्वारा की गई अपील इस आधार पर खारिज नहीं की जाएगी कि 90 दिनों से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता है। प्रावधान फैसले, सजा या आदेश के 30 दिनों के भीतर अपील दायर करने का आदेश देता है और यदि अपीलकर्ता के पास कोई अच्छा कारण है तो उच्च न्यायालय 30 दिनों के बाद अपील स्वीकार कर सकता है।
90 दिनों के बाद काेई अपील स्वीकार नहीं, यह विवाद की जड़ है…
प्रावधान कहता है कि 90 दिनों के बाद कोई अपील स्वीकार नहीं की जा सकती है, यह दलीलों में विवाद की जड़ है। पीठ ने पक्षों से सुनवाई की अगली तारीख से पहले अपनी लिखित दलीलें तीन पन्नों तक सीमित रखते हुए दाखिल करने को कहा। पीठ सुशीला देवी और उस्मान शरीफ की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।