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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने दूरगामी फैसला सुनाते हुए कहा, स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल पाठ्यक्रमों में डोमिसाइल-आधारित आरक्षण को रद्द कर दिया गया है। यह अनुमति योग्य नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करने के लिए उन्हें असंवैधानिक घोषित किया गया है।
एनईईटी परीक्षा में योग्यता के आधार पर भरी जाए काेटा सीट
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने कहा कि राज्य कोटा की सीटें राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) परीक्षा में योग्यता के आधार पर भरी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने माना कि राज्य कोटा के भीतर पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए डोमिसाइल-आधारित आरक्षण प्रदान करना संवैधानिक रूप से अनुचित है। इसमें कहा गया, पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में निवास-आधारित आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
कहीं भी निवास व व्यापार चुनने का अधिकार…
शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा, हम सभी भारत के क्षेत्र में अधिवासित हैं। प्रांतीय या राज्य डोमिसाइल जैसा कुछ नहीं है। केवल एक डोमिसाइल है कि हम सभी भारत के निवासी हैं। हमें भारत में कहीं भी निवास चुनने और व्यापार करने का अधिकार है और देश में कहीं भी पेशा कर सकते हैं। संविधान हमें भारत भर के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश चुनने का अधिकार भी देता है।
डोमिसाइल आरक्षण हुआ रद्द
शीर्ष अदालत ने भविष्य में प्रवेश के लिए डोमिसाइल आरक्षण को रद्द करते हुए स्पष्ट किया कि इस फैसले से छात्रों को पहले से दिए गए डोमिसाइल आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह फैसला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ कुछ छात्रों द्वारा दायर अपील पर आया, जिसने पीजी मेडिकल प्रवेश में डोमिसाइल आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था।