
Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने आत्महत्या से मरने वाले व्यक्ति के शुक्राणुओं को पुनः प्राप्त करने और संरक्षित करने की अनुमति दी है। यह पोस्टमॉर्टम शुक्राणु पुनर्प्राप्ति (पीएमएसआर) के माध्यम से उसके वीर्य को संरक्षित रखा जाएगा।
25 जनवरी को व्यक्ति ने किया था सुसाइड
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने व्यक्ति के परिजनों द्वारा दायर याचिका पर यह निर्देश दिया और भविष्य में सहायक प्रजनन चिकित्सा में संभावित उपयोग के लिए वीर्य को संरक्षित करने की मांग की गई। वर्तमान मामले में व्यक्ति की 25 जनवरी को आत्महत्या से मृत्यु हो गई थी। याचिकाकर्ता के विद्वान वकील के अनुरोध पर 24 जनवरी को अदालत ने आदेश जारी कर कहा कि प्राप्त शुक्राणु को उस अस्पताल द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए, जहां प्रक्रिया की जाएगी।
गुरविंदर सिंह एवं अन्य बनाम दिल्ली सरकार एवं अन्य के मामले का दिया हवाला…
याचिकाकर्ता ने कहा कि मरणोपरांत पुनरुत्पादन पर गुरविंदर सिंह एवं अन्य बनाम दिल्ली सरकार एवं अन्य के मामले में समन्वय पीठ के हाल ही के फैसले पर भरोसा किया। केस में अदालत ने माना था कि वीर्य का नमूना भारतीय कानून के तहत संपत्ति है। इसमें मृतक की संपत्ति को शामिल करते हुए मूर्त और अमूर्त दोनों तरह की संपत्तियां शामिल हैं। मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।