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Himachal News: विशेष सीबीआई अदालत नेहिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक जहूर हैदर जैदी और सात अन्य पुलिसकर्मियों को 2017 के हिरासत में मौत के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी आरोपी पर हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में 2017 में नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के एक आरोपी की हिरासत में मौत के मामले में सुनवाई चल रही थी।
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को किया बरी
विशेष न्यायाधीश अलका मलिक ने सीबीआई अदालत ने आईजी जहूर हैदर जैदी, तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक मनोज जोशी, तत्कालीन उप-निरीक्षक राजिंदर सिंह, तत्कालीन सहायक एसआई दीप चंद शर्मा, तत्कालीन हेड कांस्टेबल मोहन लाल, सूरत सिंह, रफी मोहम्मद और तत्कालीन कांस्टेबल रंजीत सटेटा को दोषी ठहराया। इन सभी पर 27 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले में वकील रवीन्द्र पंडित ने कहा कि अदालत ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू नेगी को बरी कर दिया।
आरोपी की हिरासत में हो गई थी मौत
दरअसल आरोपी सूरज की हिरासत में मौत के मामले में जैदी और सात अन्य को गिरफ्तार किया था, जो 18 जुलाई, 2017 को कोटखाई पुलिस स्टेशन में मृत पाया गया था। 4 जुलाई, 2017 को कोटखाई में एक 16 वर्षीय लड़की लापता हो गई और उसका शव दो दिन बाद 6 जुलाई को हलैला जंगलों में मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई और मामला दर्ज किया गया।
हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी थी जांच
राज्य में भारी जन आक्रोश के बीच, तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा जैदी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था। एसआईटी ने छह लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक सूरज था। पुलिस हिरासत में उनकी मौत के बाद हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने दोनों मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके बाद सीबीआई ने हिरासत में मौत के मामले में जैदी, डीसीपी जोशी और अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मई 2019 में हिरासत में मौत से जुड़े मामले को शिमला से चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया।