Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार से राज्यसभा के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
पीठ ने जताई उम्मीद, अधिवक्ता फालतू याचिकाएं दाखिल न करें
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के 7 अक्टूबर, 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी। अदालत ने याचिकाकर्ता सह अधिवक्ता अमित कुमार दिवाकर पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। बाद में शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश को संशोधित किया और याचिकाकर्ता को 25,000 रुपये की लागत जमा करने से छूट दी। पीठ ने कहा कि दिवाकर को जुर्माना दाखिल करने से छूट देते हुए पीठ ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वह फालतू याचिकाएं दाखिल करने में शामिल नहीं होंगे। दरअसल, इस मामले पर दो बार सुनवाई के बाद भी अदालत में कोई उपस्थित नहीं हुआ, इसके बावजूद पीठ ने दिवाकर द्वारा दायर अपील पर यह आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने भी याचिका की थी खारिज
बता दें कि अधिवक्ता अमित कुमार दिवाकर ने बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा को राज्यसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने दावा किया था कि वैधानिक निकाय बीसीआई के अध्यक्ष का पद संभालते हुए, मिश्रा एक साथ राज्यसभा के मौजूदा सदस्य के रूप में काम नहीं कर सकते। मिश्रा को भाजपा उम्मीदवार के रूप में बिहार से उच्च सदन के लिए निर्विरोध चुना गया। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता ने कानून के तहत निर्धारित चुनावों को चुनौती देने वाले तंत्र को नजरअंदाज कर दिया था।