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BNSS 2023 Alert: प्रत्येक दिन किसी भी अपराध में पकड़े गए आरोपी न्यायालय के माध्यम से जेल जाते हैं। बीएनएसएस की धारा 290, 293 व 479 अहम हैं, जो जमानत से संबंधित हैं।
धारा 290: 30 दिनों के भीतर आवेदन
बीएनएसएस की धारा 290 में दलील देने को समयबद्ध बनाया गया है और आरोप तय होने की तिथि से 30 दिनों के भीतर जमानत का आवेदन किया जा सकता है।
धारा 293: निर्धारित सजा का एक चौथाई/एक-छठा हिस्सा संभव
बीएनएसएस की धारा 293 में प्रावधान है कि जहां आरोपी पहली बार अपराधी है और उसे पहले किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है, तो न्यायालय ऐसे आरोपी व्यक्ति को ऐसे अपराध के लिए निर्धारित सजा का एक-चौथाई/एक-छठा हिस्सा दे सकता है।
धारा 479: बांड पर रिहाई संभव
विचाराधीन कैदी को हिरासत में रखने की अधिकतम अवधि बीएनएसएस, 2023 की धारा 479 में निर्धारित की गई है। इसमें प्रावधान किया गया है कि जहां कोई व्यक्ति पहली बार अपराधी है (जिसे पहले कभी किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है), उसे न्यायालय द्वारा बांड पर रिहा किया जाएगा, यदि वह उस कानून के तहत ऐसे अपराध के लिए निर्दिष्ट कारावास की अधिकतम अवधि के एक तिहाई तक की अवधि के लिए हिरासत में रह चुका है। इसके अलावा, जेल अधीक्षक का यह कर्तव्य होगा कि वह इस संबंध में न्यायालय में आवेदन करे। पहली बार, सामुदायिक सेवा को बीएनएस, 2023 की धारा 4 में दंड के रूप में शामिल किया गया है।