
Bar Council Of India Office, New Delhi
FOREIGN LAWYERS: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने विदेशी वकीलों और लॉ फर्मों के भारत में प्रवेश को लेकर सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स (SILF) की आपत्तियों को खारिज किया है।
SILF ने जानबूझकर या गलत तरीके से नए नियमों को नजरअंदाज किया
BCI ने कहा कि SILF ने जानबूझकर या गलत तरीके से नए नियमों की कई अहम बातों को नजरअंदाज किया है। BCI ने 18 जून को जारी बयान में कहा कि 2025 में लागू होने वाले ‘विदेशी वकीलों और लॉ फर्मों के पंजीकरण और विनियमन’ से जुड़े नियम भारतीय कानूनी संप्रभुता की पूरी तरह रक्षा करते हैं।
SILF पर लगाया भ्रामक प्रचार का आरोप
BCI ने कहा कि SILF ने यह गलत धारणा फैलाने की कोशिश की कि इन नियमों से भारतीय कानूनी व्यवस्था कमजोर होगी। जबकि सच्चाई यह है कि नए नियम विदेशी वकीलों को सिर्फ सलाहकार भूमिका में सीमित रखते हैं। वे भारतीय कानून की प्रैक्टिस, अदालतों में पेशी या किसी भी भारतीय ट्रिब्यूनल में उपस्थित नहीं हो सकते। उन्हें केवल विदेशी कानून, अंतरराष्ट्रीय कानून या अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता से जुड़े गैर-विवादित मामलों में ही काम करने की अनुमति होगी, वह भी भारत सरकार की अनुमति (NOC) के बाद।
छोटे और उभरते वकीलों को मिलेगा फायदा
BCI ने कहा कि SILF का विरोध दरअसल इस डर से है कि विदेशी लॉ फर्में अब सीधे छोटे और मझोले भारतीय वकीलों या लॉ फर्मों के साथ काम कर सकती हैं। इससे SILF की बड़ी और स्थापित फर्मों का एकाधिकार खत्म हो सकता है। BCI ने कहा कि नए नियमों का मकसद दशकों से चले आ रहे इस एकाधिकार को खत्म करना और योग्य, प्रतिभाशाली वकीलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर देना है।
SILF खुद विदेशी फर्मों से जुड़ी, फिर विरोध क्यों?
BCI ने कहा कि यह विरोध तब और विरोधाभासी लगता है जब SILF की कई सदस्य फर्में पहले से ही विदेशी लॉ फर्मों के साथ साझेदारी कर चुकी हैं या विदेशों में अपने ऑफिस खोल चुकी हैं। इससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानूनी काम और व्यावसायिक लाभ मिल रहा है, लेकिन वे दूसरों को ऐसे अवसर नहीं देना चाहतीं।
नियम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप
BCI ने बताया कि 2025 के संशोधित नियम सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले के अनुरूप हैं, जिसमें कहा गया था कि विदेशी वकील भारत में अदालत में पेश नहीं हो सकते, लेकिन विदेशी कानून से जुड़े सलाहकार काम कर सकते हैं। BCI ने कहा कि SILF ने इन कानूनी तथ्यों को नजरअंदाज किया और बिना किसी ठोस आधार के विरोध किया।
खुले संवाद के लिए BCI तैयार
BCI ने कहा कि उसने नियमों को अंतिम रूप देने से पहले देशभर की लॉ फर्मों से सुझाव लिए थे और अब भी सभी इच्छुक पक्षों, जिनमें SILF भी शामिल है, से सुझाव आमंत्रित हैं। BCI ने सितंबर में मुंबई में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें खासतौर पर छोटे और उभरते वकीलों की बात सुनी जाएगी। BCI के सचिव श्रीमंतो सेन द्वारा हस्ताक्षरित इस बयान में कहा गया कि संस्था सभी सकारात्मक सुझावों का स्वागत करती है और कानूनी सुधार की दिशा में काम करती रहेगी।