
ED Office New Delhi
BAR-ED-NOTICE: सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने वरिष्ठ वकील अरविंद दातार को समन भेजने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कड़ी आलोचना की है।
आरोप: यह जांच एजेंसियों की बढ़ती दखलअंदाजी का संकेत
एसोसिएशन ने इसे पूरे वकील समुदाय के लिए डराने वाला संदेश बताया है। दातार ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस को एक कानूनी सलाह दी थी, जिसके बाद ईडी ने उन्हें समन भेजा था। हालांकि बाद में ईडी ने यह समन वापस ले लिया।एसोसिएशन के अध्यक्ष और वकील विपिन नायर ने कहा कि ईडी की यह कार्रवाई न सिर्फ अनावश्यक थी, बल्कि यह जांच एजेंसियों की बढ़ती दखलअंदाजी का संकेत है, जो वकालत की स्वतंत्रता और कानून के शासन की नींव को कमजोर करती है।
अरविंद दातार एक सम्मानित वरिष्ठ वकील: सचिव
एसोसिएशन के सचिव निखिल जैन ने कहा कि अरविंद दातार एक सम्मानित वरिष्ठ वकील हैं, जिनकी ईमानदारी और पेशेवर आचरण पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा कि किसी वकील को उसकी पेशेवर जिम्मेदारी निभाने पर समन भेजना अधिकारों का दुरुपयोग है और वकील की भूमिका की पवित्रता का अपमान है। न्यायपालिका और वकीलों की स्वतंत्रता लोकतंत्र के दो मजबूत स्तंभ हैं। अगर जांच एजेंसियां सिर्फ कानूनी राय देने पर वकीलों को डराने लगेंगी, तो यह पूरी न्याय व्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा। एसोसिएशन ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से वकीलों की पेशेवर स्वतंत्रता और न्यायपालिका की स्वतंत्रता दोनों खतरे में पड़ती हैं।
कार्रवाई संविधान व कानून दोनों के खिलाफ: एसोसिएशन
एसोसिएशन ने यह भी कहा कि कई अदालतों ने पहले ही यह स्पष्ट किया है कि वकीलों को उनके क्लाइंट की कथित गतिविधियों के लिए सिर्फ कानूनी राय देने पर जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। ईडी की यह कार्रवाई कानूनी सलाह को आपराधिक साजिश से जोड़ने की कोशिश है, जो संविधान और कानून दोनों के खिलाफ है। एसोसिएशन ने कहा कि अगर वकीलों को कानूनी सलाह देने पर इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, तो इससे न्याय प्रणाली की कार्यप्रणाली ठप हो जाएगी और लोगों का न्याय व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा। हालांकि ईडी ने यह समन वापस ले लिया है, लेकिन एसोसिएशन ने इसे कार्यपालिका की मनमानी करार देते हुए इसका कड़ा विरोध दर्ज कराया है।