
Sri Ganesha Idol
Ganpati idols: बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) से गणपति मूर्तियां बनाने की इजाजत दे दी है।
बदलाव करते हुए मूर्तियों के निर्माण की अनुमति दी
कोर्ट ने साफ किया है कि इन मूर्तियों का विसर्जन प्राकृतिक जल स्रोतों में बिना उसकी मंजूरी के नहीं किया जा सकेगा। यह फैसला महाराष्ट्र के हजारों मूर्ति कलाकारों के लिए राहत लेकर आया है। जनवरी 2025 में हाईकोर्ट ने PoP से मूर्तियां बनाने और बेचने पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। पर्यावरणविदों का मानना है कि यह सामग्री पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। अब कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए मूर्तियों के निर्माण की अनुमति दी है।
राज्य सरकार बनाए विसर्जन पर नीति
कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की विशेषज्ञ समिति की हालिया सिफारिशों के आधार पर PoP मूर्तियों के विसर्जन को लेकर नीति बनाए। समिति ने स्पष्ट किया है कि उसकी सिफारिशें केवल सलाह के रूप में हैं और राज्य सरकार अपनी नीति खुद तय कर सकती है।
याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आया फैसला
मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति संदीप मर्ने की पीठ ने यह फैसला कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। इन याचिकाओं में CPCB की नई गाइडलाइंस को लागू करने की मांग की गई थी।
मूर्तिकारों और गणेश मंडलों की दलील
कुछ याचिकाकर्ताओं, जिनमें गणेश मंडल और मूर्तिकार शामिल थे, ने कहा कि PoP के फायदे को नजरअंदाज कर गाइडलाइंस बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि ये दिशा-निर्देश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ हैं और कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं।
CPCB ने दी सफाई
CPCB की ओर से कोर्ट में बताया गया कि उसकी विशेषज्ञ समिति ने 21 मई 2025 को सिफारिशें दी थीं और यह स्पष्ट किया था कि ये केवल सलाह हैं। राज्य सरकार इन सिफारिशों के आधार पर अपनी नीति बना सकती है।
कोर्ट की शर्त: विसर्जन से पहले अनुमति जरूरी
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता संघों के सदस्य और अन्य मूर्तिकार PoP से मूर्तियां बना सकते हैं, लेकिन इनका विसर्जन प्राकृतिक जल स्रोतों में तभी किया जा सकेगा जब कोर्ट से इसकी अनुमति ली जाए।