
Saket Court
PRISONER-COURT: साकेत कोर्ट के लॉकअप नंबर 5 में गुरुवार को एक विचाराधीन कैदी की हत्या कर दी गई।
दो अन्य विचाराधीन कैदियों के बीच लॉकअप में मारपीट
24 साल का अमन हत्या के प्रयास के मामले में ट्रायल फेस कर रहा था। उसे कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था। तभी दो अन्य विचाराधीन कैदियों—जितेंद्र उर्फ जित्टे और जयदेव उर्फ बच्चा—ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने अमन को कई बार लात मारी और उसका सिर दीवार पर दे मारा। घटना के वक्त लॉकअप में कई और कैदी भी मौजूद थे। अमन को तुरंत कोर्ट के डिस्पेंसरी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने गंभीर सिर की चोट की पुष्टि की। इसके बाद उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुरानी रंजिश बनी हमले की वजह
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि अमन और जितेंद्र के बीच पुरानी दुश्मनी थी। 2024 में अमन ने जितेंद्र और उसके भाई पर चाकू से हमला किया था। माना जा रहा है कि उसी रंजिश के चलते यह हमला हुआ। पुलिस का कहना है कि जेल में रहते हुए यह दुश्मनी और बढ़ गई थी।
सुरक्षा में बड़ी चूक, पुलिस पर सवाल
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, घटना के वक्त लॉकअप में मौजूद सुरक्षा कर्मियों की प्रतिक्रिया काफी धीमी रही। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि जब तीनों कैदियों के बीच पुरानी दुश्मनी थी, तो उन्हें एक ही लॉकअप में क्यों रखा गया। पटियाला हाउस कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव वकील वीरेंद्र कसाना ने इसे दिल्ली पुलिस की बड़ी सुरक्षा चूक बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसे मामलों में सतर्क रहना चाहिए और दुश्मनी रखने वाले कैदियों को एक साथ नहीं रखना चाहिए।
जांच के लिए टीम गठित, अन्य कैदियों से पूछताछ
पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई है। अन्य कैदियों से भी पूछताछ की जा रही है कि घटना कैसे हुई। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि लॉकअप में तैनात पुलिसकर्मी समय पर कार्रवाई क्यों नहीं कर पाए। अमन, जितेंद्र और जयदेव तीनों तिहाड़ जेल नंबर 8 में बंद थे।
पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया शव
पुलिस ने अमन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। कानूनी कार्रवाई जारी है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, पुलिस और जानकारी साझा करेगी।