
Women and men standing while holding flower bouquet
NRI Love Case: सुप्रीम कोर्ट ने एनआरआई (अनिवासी भारतीय) के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया, जिसे एक महिला ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोपी बनाया था।
जुनूनी स्वभाव के चलते शादी से पीछे हटने का फैसला लिया आरोपी
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस व्यक्ति ने महिला के आक्रामक यौन व्यवहार और जुनूनी स्वभाव के चलते शादी से पीछे हटने का फैसला लिया। अदालत ने महिला के आरोपों को झूठा और निराधार पाया और कहा कि इस व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाना न्याय का मजाक होगा। हमारे विचार में, आरोपी-अपीलकर्ता ने जब महिला के आक्रामक यौन व्यवहार और जुनूनी स्वभाव के बारे में जाना, तो घबराकर प्रस्तावित विवाह से पीछे हटना पूरी तरह उचित था।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में गंभीर टिप्पणी की
यह आदेश एक मामले पर पारित किया गया, जिसमें महिला ने उस व्यक्ति के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज करवाई थीं, जो भारत आया था और उससे एक विवाह साइट के माध्यम से ऑनलाइन जुड़ा था। महिला ने आरोप लगाया था कि उस व्यक्ति ने शादी का वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और फिर यह कहते हुए शादी से इनकार कर दिया कि वह अनुसूचित जाति से है। आरोपों और प्रत्यारोपों की जिरह के आधार पर अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई जारी रखना “न्याय का उपहास” होगा।
महिला एनआरआई के चैट से कोर्ट हतप्रभ
शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि यह एफआईआर झूठ और “मनगढ़ंत, दुर्भावनापूर्ण और निराधार आरोपों” का पुलिंदा मात्र है, जो शिकायतकर्ता महिला ने लगाए थे। “अभिलेख पर मौजूद तथ्य स्पष्ट रूप से शिकायतकर्ता की प्रतिशोधी और जोड़-तोड़ वाली प्रवृत्तियों को दर्शाते हैं और ये पहलू इस विवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पीठ ने महिला की व्हाट्सएप चैट्स पर भी ध्यान दिया, जिसमें उसने खुद स्वीकार किया था कि वह जोड़-तोड़ करने वाली है और “ग्रीन कार्ड होल्डर” को पाने की कोशिश कर रही थी। अदालत ने कहा, “ये चैट्स शिकायतकर्ता महिला के व्यवहार के वास्तविक रूप को उजागर करते हैं, जो प्रतिशोधी और जोड़-तोड़ वाली प्रवृत्तियों की प्रतीत होती हैं।” इसके अलावा, अदालत ने यह भी देखा कि महिला ने पहले भी एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का इसी तरह का आरोप लगाया था।