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Delhi Govt: दिल्ली सरकार निजी स्कूलों में फीस को नियंत्रित करने के लिए एक अध्यादेश लाने की योजना बना रही है।
दिल्ली स्कूल एजुकेशन बिल, 2025 पर अध्यादेश
दिल्ली सरकार इस अध्यादेश को निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए लाने की तैयारी कर रही है। यह अध्यादेश अगले एक सप्ताह के भीतर पेश किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित अध्यादेश का मसौदा ‘दिल्ली स्कूल एजुकेशन बिल, 2025’ के तहत पहले ही विधि विभाग को भेजा जा चुका है। इस अध्यादेश में उल्लंघन करने पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना और बार-बार उल्लंघन की स्थिति में स्कूल की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है। फीस तय करने के लिए स्कूल, जिला और समीक्षा स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा।
13-14 मई को प्रस्तावित विशेष सत्र में पेश होना था बिल
यह बिल पहले 13-14 मई को प्रस्तावित विशेष सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन सत्र नहीं हो सका। अब इसे आगामी मानसून सत्र में बिल के रूप में पेश किया जाएगा। 16 अप्रैल को, मनमानी फीस वृद्धि और ऑडिट रिपोर्ट न देने वाले 10 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। वर्तमान दिल्ली सरकार पहले ही 600 स्कूलों से ऑडिट रिपोर्ट एकत्र कर चुकी है। इससे पहले, निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि के मुद्दे पर एएनआई से बातचीत में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा था, “हम एक मजबूत दस्तावेज़ीकरण प्रणाली बनाएंगे और ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसेंगे। हम यह जांच करेंगे कि पहले कैसे मनमानी फीस वृद्धि को मंजूरी दी गई थी और क्या इसमें पिछली सरकार के साथ कोई भ्रष्टाचार हुआ था। किसी भी हाल में हम इस तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
डीपीएस द्वारका में फीस वृद्धि का मामला
मनमानी फीस वृद्धि का मामला तब उजागर हुआ जब डीपीएस द्वारका में कई छात्रों को फीस नहीं देने पर स्कूल से बाहर कर दिया गया, और अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा। सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति भी भेजी थी, जिसके बाद स्कूलों को कारण बताओ नोटिस दिए गए थे। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी बार-बार घोषणा की है कि इस तरह की फीस वृद्धि और माता-पिता व छात्रों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस मनमानी फीस वृद्धि को रोकने के लिए इस अध्यादेश को लाने का निर्णय लिया है। रेखा गुप्ता सरकार का लक्ष्य राज्य के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा प्रदान करना है। दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि का मुद्दा लंबे समय से चिंता का विषय रहा है, और दिल्ली सरकार इस पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाती रही है।