
Supreme Court India
DELHI GOVT-CASES: दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाकर सात पुराने केस वापस लेने की इजाजत मांगी है।
एलजी की भूमिका व अधिकार को दी गई थी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने इन मामलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। ये केस आम आदमी पार्टी (AAP) की पिछली सरकार के दौरान दायर किए गए थे। इनमें उपराज्यपाल (L-G) की विभिन्न समितियों में भूमिका और अधिकारों को चुनौती दी गई थी। इनमें यमुना सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन से जुड़े मामले भी शामिल हैं।
सरकार के वकील ने दिया तर्क
दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि ये सात केस सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं और इनमें उपराज्यपाल की शक्तियों को चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा, “अब ये मामले कोर्ट का समय न लें, इसलिए इन्हें वापस लेना चाहते हैं।
जुलाई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में NGT के आदेश पर रोक लगाई थी
इनमें से एक केस में, जो AAP सरकार ने दायर किया था, सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2023 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के उस आदेश पर रोक लगाई थी, जिसमें यमुना नदी की सफाई के लिए बनी हाई लेवल कमेटी की अध्यक्षता उपराज्यपाल को सौंपने को कहा गया था। NGT ने कहा था कि दिल्ली में यमुना का प्रदूषण स्तर अन्य राज्यों की तुलना में करीब 75% ज्यादा है। इसलिए दिल्ली के उपराज्यपाल, जो डीडीए के चेयरमैन और संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत दिल्ली के प्रशासक हैं, उन्हें इस कमेटी का प्रमुख बनाया जाए। अब दिल्ली सरकार चाहती है कि इस तरह के सभी केस वापस ले लिए जाएं ताकि कोर्ट का समय बचे और प्रशासनिक कामकाज में स्पष्टता आए।