
Judge’ Row 11: दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले पर अधजले नोट की बाेरियां मिलने के मामले मंे इन हाउस कमेटी ने सीजेआई संजीव खन्ना को रिपोर्ट सौंप दी है।
14 मार्च को जज के बंगले में लगी थी आग
सुप्रीम कोर्ट ने बताया, 4 मई को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरामन वाली तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट को सीजेआई को सौंपी। हालांकि रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। 14 मार्च को बंगले में आग लगने के बाद सीजेआई ने जांच के लिए तीन जजों की इन हाउस कमेटी बनाई थी। इसने 3 मई को रिपोर्ट रिपोर्ट तैयार की।
सीजेआई ने 22 मार्च को इन-हाउस जांच समिति बनाई
जस्टिस वर्मा के बंगले में आग की घटना के बाद दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने प्रारंभिक रिपोर्ट सीजेआई को सौंपी। उन्होंने गहन जांच की सिफारिश की। इस पर संज्ञान लेते हुए सीजेआई ने 22 मार्च को इन-हाउस जांच समिति बनाई। प्रारंभिक जांच के बाद दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने जस्टिस वर्मा से न्यायिक कार्य छीन लिए। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया। इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक काम नहीं दिया गया है। दूसरी ओर, जस्टिस वर्मा ने अपने ऊपर आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि वे घटना के वक्त दिल्ली में नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके यहां से कोई नकदी जब्त नहीं की गई है और यह साजिश उन्हें फंसाने के लिए रची गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पारदर्शिता बरतते हुए आगजनी की घटना के फोटो, वीडियो और अन्य दस्तावेज वेबसाइट पर सार्वजनिक किए हैं।