
Delhi High Court
Delhi HC: दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने स्कूलों में बम की धमकियों से निपटने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) न बनाने पर दिल्ली सरकार और पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और उन्हें नोटिस जारी किया है।
मामले में तुरंत ध्यान देने की जरूरत
हाईकोर्ट ने पूछा है कि नवंबर 2024 में आदेश दिए गए थे। आठ हफ्तों में में एक्शन प्लान क्यों नहीं बना। कोर्ट ने इस मामले में 19 मई को सुनवाई तय कर संबंधित अधिकारियों को पेश होने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इसमें तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बार-बार झूठी धमकियों से बच्चों, अभिभावकों और स्कूलों में डर का माहौल बन रहा है।
याचिकाकर्ता का दावा, कोर्ट की अवमानना की गई
याचिकाकर्ता वकील अर्पित भार्गव ने कोर्ट में कहा कि दिल्ली के स्कूलों को लगातार बम की झूठी धमकियां मिल रही हैं, लेकिन सरकार और पुलिस की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद 8 हफ्तों में SOP नहीं बनाई गई, जो कि अदालत की अवमानना है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह अवमानना कानून के तहत सख्त कदम उठाए और अधिकारियों पर जुर्माना लगाए।
कोर्ट ने नवंबर 2024 में दिया था आदेश
हाईकोर्ट ने 14 नवंबर 2024 को सरकार और पुलिस को निर्देश दिया था कि वे 8 हफ्तों के भीतर एक विस्तृत एसओपी बनाएं, जिसमें सभी संबंधित एजेंसियों की भूमिका स्पष्ट हो। यह एसओपी स्कूलों में बम की धमकियों जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए होनी चाहिए।
जनहित की अनदेखी का आरोप
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील बीना शॉ एन. सोनी ने कहा कि अधिकारियों ने कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की है और जनहित के प्रति लापरवाही दिखाई है। उन्होंने कहा कि एसओपी न होने से दिल्ली के स्कूलों की सुरक्षा खतरे में है। याचिका में कहा गया कि चाहे धमकियां झूठी हों या सच्ची, इससे बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों में डर और घबराहट का माहौल बनता है। SOP और रोकथाम के उपाय न होने से लाखों बच्चों की सुरक्षा और मानसिक सेहत पर असर पड़ रहा है।
दिल्ली में 4,600 से ज्यादा स्कूल, सिर्फ 5 बम स्क्वॉड
दिल्ली पुलिस ने पहले बताया था कि राजधानी में 4,600 से ज्यादा स्कूल हैं, लेकिन सिर्फ 5 बम डिस्पोजल स्क्वॉड और 18 बम डिटेक्शन टीमें हैं। यह मामला पहली बार 2023 में तब सामने आया था, जब दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड को बम की झूठी धमकी मिली थी। इसके बाद याचिकाकर्ता ने कोर्ट का रुख किया था।