
Mahrang baloch
बलोचिस्तान हाई कोर्ट (BHC) की एक डिवीजन बेंच ने बलोच यकजहती कमेटी (BYC) की मुख्य आयोजक महरांग बलोच और अन्य 96 लोगों की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका को सुनवाई योग्य माना।
महरांग और अन्य BYC कार्यकर्ता पिछले कुछ दिनों से भूख हड़ताल पर थे
महरांग बलोच की बहन नादिया बलोच ने बताया कि महरांग और अन्य BYC कार्यकर्ता पिछले कुछ दिनों से भूख हड़ताल पर थे। यह विरोध क्वेटा जिला जेल से बीबो बलोच को पिशिन जेल स्थानांतरित करने और हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं पर जेल में सुरक्षा कर्मियों द्वारा की गई यातना के खिलाफ था। बाद में उन्हें भूख हड़ताल समाप्त करने के लिए राजी किया गया। जन व्यवस्था बनाए रखने संबंधी अध्यादेश (Maintenance of Public Order Ordinance) के तहत याचिका को लेकर एडवोकेट जनरल को नोटिस जारी किया।
भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एडवोकेट इमरान बलोच ने बताया कि सोमवार को नादिया बलोच ने क्वेटा जिला जेल जाकर महरांग और अन्य को भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की। इस बीच, गृह विभाग ने बलोचिस्तान हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद महरांग बलोच के वकीलों द्वारा दायर आवेदन को अस्वीकृत कर दिया। इससे पहले हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने वकीलों से कहा था कि वे संबंधित प्राधिकरणों से संपर्क करें और महरांग बलोच व अन्य की रिहाई की मांग करें, उसके बाद ही गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार होगा।
महरांग बलोच, बीबो बलोच व अन्य की रिहाई की नई याचिका दायर
महरांग बलोच, बीबो बलोच, गुलजादी बलोच, सबघतुल्लाह, बेबरग बलोच और अन्य 96 कार्यकर्ताओं की रिहाई की नई याचिका बलोचिस्तान हाई कोर्ट में बलोच नेशनल पार्टी-मेंगल (BNP-M) और नेशनल पार्टी के नेताओं के साथ दायर की गई। एडवोकेट सज्जिद तरीन ने BNP-M के आगा हसन बलोच की ओर से याचिका दायर की, जबकि नादिया बलोच ने BYC नेताओं की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल की। अदालत ने एडवोकेट जनरल के अनुरोध पर मामले की अगली सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।
BYC नेताओं के साथ जेल में किए जा रहे दुराचार के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी
26 अप्रैल को महरांग की बहन नादिया बलोच ने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (CJP) याह्या अफरीदी को एक पत्र लिखकर अपनी बहन और अन्य BYC नेताओं के साथ जेल में किए जा रहे दुराचार के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी। शुक्रवार को, महरांग बलोच और अन्य BYC नेताओं ने जेल कर्मचारियों द्वारा की गई “यातना” और बीबो बलोच को पिशिन जेल स्थानांतरित करने के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू की थी। नादिया बलोच ने मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि महरांग बलोच को हर दिन मानसिक यातना दी जा रही है और उनकी शांतिपूर्ण आंदोलन को खत्म करने का दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, जब उन्होंने इनकार किया, तो उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर ले जाने का प्रयास किया गया और 23.04.2025 को अधिकारियों द्वारा शारीरिक हमला किया गया।
बीबो बलोच को पिशिन जेल स्थानांतरित कर दिया गया
पत्र में उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बीबो बलोच को पिशिन जेल स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन पूरे दिन तक उनकी स्थिति की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, बाद में पता चला कि उन्हें पिशिन जिला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है और वहां निरंतर निगरानी में रखा गया है, जिसमें शौचालय क्षेत्र में भी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे उनकी निजता भंग हुई है। पत्र में, नादिया बलोच ने मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया, इन कैदियों पर की जा रही शारीरिक और मानसिक यातना पर तत्काल संज्ञान लें; बिना कानूनी प्रक्रिया के किसी भी अनुचित स्थानांतरण को रोका जाए; और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा की जाए व सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
महरांग बलोच के वकील इमरान बलोच ने कहा
डॉ. महरांग बलोच ने बताया कि उन्होंने जिला जेल में CTD अधिकारियों द्वारा की गई यातना और बीबो बलोच को पिशिन जिला जेल में स्थानांतरित करने के विरोध में भूख हड़ताल शुरू की।