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Service Charge: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण(सीसीपीए) ने दिल्ली के पांच रेस्टोरेंट्स के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है।
ये हैं कार्रवाई
कार्रवाई होनेवाले इन रेस्टोरेंट्स में मखना डेली, ज़ीरो कोर्टयार्ड, कैसल बारबेक्यू, चायोस और फिएस्टा बाय बारबेक्यू नेशन शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद ग्राहकों से वसूला गया अनिवार्य सर्विस चार्ज वापस नहीं किया। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि इन रेस्टोरेंट्स को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस में कहा गया है कि वे ग्राहकों से वसूला गया सर्विस चार्ज वापस करें।
सर्विस चार्ज को लेकर 2022 में जारी हुई थीं गाइडलाइंस
सीसीपीए ने 2022 में होटल और रेस्टोरेंट्स में सर्विस चार्ज को लेकर गाइडलाइंस जारी की थीं। इसके तहत किसी भी होटल या रेस्टोरेंट को खाने के बिल में सर्विस चार्ज अपने आप या डिफॉल्ट रूप से जोड़ने की अनुमति नहीं है।
ग्राहक की मर्जी जरूरी
गाइडलाइंस के मुताबिक, कोई भी होटल या रेस्टोरेंट ग्राहक को सर्विस चार्ज देने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। सर्विस चार्ज पूरी तरह से वैकल्पिक है और ग्राहक की इच्छा पर निर्भर करता है। इसके अलावा, सर्विस चार्ज को किसी और नाम से भी नहीं वसूला जा सकता। गाइडलाइंस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सर्विस चार्ज को खाने के बिल में जोड़कर उस पर GST लगाना भी गलत है।
हाईकोर्ट ने मार्च 2025 में दी थी मंजूरी
दिल्ली हाईकोर्ट ने 28 मार्च 2025 को सीसीपीए की इन गाइडलाइंस को सही ठहराया था। इसके बावजूद सीसीपीए को नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (1915) पर शिकायतें मिलीं कि कुछ रेस्टोरेंट अब भी बिना ग्राहक की सहमति के सर्विस चार्ज वसूल रहे हैं।
उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए बनी है सीसीपीए
सीसीपीए की स्थापना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 10 के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाना है।